हरियाणा के सिरसा में डेरा बाबा सरसाई नाथ, यहां मिला था शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को जीवनदान

 
Dera Baba Sarsai Nath in Sirsa, Haryana, where Shah Jahan's son Dara Shikoh was given life

mahendra india news, new delhi

हरियाणा में सिरसा शहर की स्थापना बाबा सरसाईनाथ के नाम पर हुई थी। यह डेरा मुगलकालीन काल से नाथ संप्रदाय का एक प्रमुख धार्मिक स्थल रहा है। यहां पर ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो, मुगल सम्राट शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को बाबा सरसाईनाथ ने जीवनदान दिया था, इस पर शाहजहां ने डेरा के नाम सैंकड़ों एकड़ भूमि दान की थी और भव्य दरबार बनवाया था। आज भी मुगलकालीन ताम्रपत्र सरसाईनाथ डेरा में सुरक्षित रखा गया है।

Dera Baba Sarsai Nath in Sirsa, Haryana, where Shah Jahan's son Dara Shikoh was given life

सिरसा में सरसाईनाथ के नाम पर बन रहा मेडिकल कॉलेज
बाबा सरसाईनाथ के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए हरियाणा सरकार सिरसा में उनके नाम पर चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के सामने बाबा सरसाईनाथ मेडिकल कॉलेज बना रही है। बता दें कि इसका शिलान्यास राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव और पूर्व विधायक गोपाल कांडा ने भूमिपूजन किया था।


डेरा को चारों ओर से भव्य तरीके से सजाया 
हरियाणा में सिरसा के डेरा बाबा सरसाईनाथ में आयोजित होने वाले सदियो पुराने नव संवतोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हिंदू नव वर्ष (नव संवत) रविवार 30 मार्च को है। डेरा के महंत बाबा सुंदराईनाथ जी ने बताया कि नव संवत के अवसर पर आयोजित होने वाले स वतोत्सव को लेकर डेरा बाबा सरसाईनाथ को भव्य तरीके से सजाया गया है। 

उन्होंने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालु बाबा सरसाईनाथ जी की समाधि पर शीश नवाने पहुंचेंगे। मुगलकालीन इस डेरे की बहुत महत्ता है और सिरसा नगर का नामकरण भी बाबा सरसाईनाथ के नाम पर ही पड़ा है। नव स वतोत्सव पर हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। बाबा की समाधि पर शीश नवाते हैं और भगवा रंग की चादर अर्पित करते हैं। डेरा के महंत बाबा सुंदराईनाथ जी का आशीर्वाद लेते हैं। डेरा बाबा सरसाईनाथ के महंत सुंदराई नाथ जी ने बताया कि नव स वतोत्सव के अवसर पर डेरा परिसर को फूलों, विद्युत चलित लड़ियों से सजाया गया है। महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं के लिए आने जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। 

रात्रि 12:15 बजे होगा भोग, मेला भी लगेगा
महंत सुंदराई नाथ ने बताया कि रविवार 30 मार्च की मध्यरात्रि 12:15 बजे बाबा का भोग अर्पित किया जाएगा और इसके बाद डेरा परिसर में विशाल मेला का आयोजन होगा। श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, डेरा को विद्युत सजावट और फूलों से भव्य रूप से सजाया जाएगा।

इस अवसर पर आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई है। डेरा परिसर में शहनाई वादन, कलाकारों के द्वारा सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की जाएगी। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा। उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वे अपने-अपने घरों पर हिंदु नव वर्ष के मौके पर दीप जलाएं और घरों में पकवान बनाकर भगवान को भोग लगाने के बाद वितरित करें।