श्री राम के संघर्ष, समर्पण, त्याग, नैतिक मूल्यों भरे जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए: चावला

श्री रामा क्लब व विष्णु क्लब चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला समारोह 
 

mahedra india news, new delhi

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमीर चावला ने कहा कि रामलीला, जिसका शाब्दिक अर्थ राम का नाटक है, रामायण महाकाव्य का एक प्रदर्शन है, जिसमें दृश्यों की एक श्रृंखला में गीत, कथन गायन और संवाद सम्मिलित होते हैं। श्रीरामा क्लब व विष्णु क्लब द्वारा रामलीला के माध्यम से परिजनों को एक मंच पर लाने का जो काम किया जा रहा है, वो सराहनीय है। अमीर चावला ने शनिवार रात्रि को श्री रामा क्लब व विष्णु क्लब चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोलते हुए कही। इस दौरान राकेश खुंगर, नरेश गुंगर, चंद्रमोहन उपस्थित थे। 


रामायण हमें पुत्र का पिता के प्रति
समाजसेवी चावला ने कहा कि राम-राम शब्द मात्र कहने से ही जीवन मंगलमय हो जाता है, क्योंकि श्री राम मर्यादा स्थापित करने वाले असाधारण व्यक्ति हैं। रामायण हमें पुत्र का पिता के प्रति, भाई का भाई के प्रति व राजा का प्रजा के प्रति दायित्व की शिक्षा व आदर्श समाज के मायने समझाते हैं। 


उन्होंने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में परिवार छिन्न-भिन्न हो रहे हंै, रामलीला ही एकमात्र ऐसा मंच है, जिसे परिवार के लोग एक साथ मिलकर देख सकते हैं। श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम रहे हैं। उन्हें रामलीला मंचन के जरिए याद करना बेहद धार्मिक एवं प्रेरणादायक कार्य है। आज की युवा पीढ़ी को उनके संघर्ष, समर्पण, त्याग, आदर्श, नैतिक मूल्यों भरे जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। 


चावला ने कहा कि श्री राम सतगुण संपन्न थे और आज भी उनके इन गुणों को अपने जीवन में अपनाना बेहद जरूरी है, तभी बुराई रूपी रावण को हराया जा सकता है। चावला ने श्रीराम के जीवन के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि जब श्रीराम का राज्यभिषेक होना था, उसी दौरान उसे बताया गया कि उनका राज्यभिषेक नहीं होगा, बल्कि उन्हें 14 वर्ष के लिए बनवास जाना होगा। उन्होंने अपने पिता के ये आदेश माने और राज छोडक़र बनवास चले गए। अपने माता-पिता के प्रति यह भावना युवा पीढ़ी में होनी चाहिए। दोनों क्लबों के पदाधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह देकर अमीर चावला को सम्मानित किया गया।