विष्णु जप कर ही मनुष्य मुक्तिका मार्ग प्राप्त कर सकता है: आचार्य स्वामी रामाचार्य महाराज 

 
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हरियाणा के सिरसा मेें श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर सिरसा के परिसर में आयोजित हरिकथा के अवसर पर आचार्य स्वामी रामाचार्य महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष परमात्मा के स्वरूप का विस्तार से वर्णन किया व लोगों को अनेक तरह के रूढ़ीवादी आडंबरों, पाखंडों व अंधविश्वास से दूर रहने का आह्वान किया। 

उन्होंने गुरु जांभो जी के अलौकिक गुणों की भी चर्चा की व बताया कि कैसे मानव शरीर, गुणों व प्रवृत्त्ति से अलग थे। शबदवाणी, गीता व अन्य गं्रथों से शब्दों/श्लोकों का उदाहरण देकर मानव को शुद्ध आचार-विचार, खान-पान, पर्यावरण संरक्षण व धर्म नियमों के अनुसार अपना जीवन यापन करना का आह्वान किया। रामाचार्य महाराज ने गुरु महाराज के अलौकिक गुणों व चमत्कारी चरित्र के फलस्वरूप उस समय के कितने ही राजे महाराजे उनकी शरण में आए व शिष्य बन गए। 


उन्होंने सत्संग में आने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि विष्णु जप कर ही मनुष्य मुक्ति का मार्ग प्राप्त कर सकता है। कलियुग में है नाम आधारा। चारों युगों में मुक्ति का मार्ग भिन्न-भिन्न रहा है। जहां सतयुग में ध्यान, त्रेता में यज्ञ व द्वापर में पूजा पाठ माध्यम थे, वहीं इस कलियुग में केवल नाम सुमिरन ही भवसागर पार उतरने का रास्ता है। कथा में आए सभी श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक कथा का श्रवण किया। 


आरती के पश्चात प्रसाद के साथ कथा को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर सचिव ओपी बिश्नोई, प्रचार सचिव डा. मनीराम सहारण, जगतपाल कड़वासरा सहसचिव, इंद्रजीत धारणिया, सुशील बैनीवाल, कृष्ण लाल बैनीवाल, फकीरचंद बैनीवाल, हनुमान पतली डाबर, विनोद गोदारा, जगदीश लटियाल, सेवक दल सदस्य व सिरसा के विभिन्न गांवों से आए श्रद्धालु मौजूद रहे।