चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य से समझे, जिंदगी में कामयाबी पाने के महत्वपूर्ण गुण
mahendra india news, new delhi
चाणक्य की नीति देश में ही नहीं विदेश में भी अपना रहे हैं। ऐसा कर लोग आगे बढ़ रहे हैं। क्योंकि आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की गई है। बता दें कि वर्तमान समय में भी चाणक्य नीति लाखों युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है। इनमें कामयाबी के कई गुणों के विषय में विस्तार से बताया गया है। आचार्य चाणक्य को अर्थनीति, राजनीति के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण विषयों का भी गूढ़ ज्ञान था। जानिए चाणक्य नीति के इस भाग में जानते हैं कि कामयाबी के लिए व्यक्ति को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बता दें कि आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को कामयाबी का दर्पण कहा जाता है। इसमें कामयाबी के कई गुणों के विषय में विस्तार से बताया गया है। चाणक्य ने बताते है कि व्यक्ति को कामयाबी पाने के के लिए कैसा जीवन व्यवतीत करना चाहिए। साथ ही यह भी बताया है कि कामयाबी के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इनमें सफलता के कई गुणों के विषय में विस्तार से बताया गया है।
चाणक्य नीति से कामयाबी प्राप्त करने के सही गुण
अनभ्यासे विषं शास्त्रमजीर्णे भोजनं विषम् ।
दरिद्रस्य विषं गोष्ठी वृद्धस्य तरुणी विषम् ।।
अर्थ- बता दें कि जिस तरह अच्छा भोजन भी बदहजमी के दौरान फायदा की जगह हानि पहुंचाता है और विष के समान कार्य करता है। ठीक उसी तरह शास्त्रों का अभ्यास ना करने के कारण यह भी व्यक्ति के लिए विष के समान कार्य करता है।
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आचार्य चाणक्य नीति के जारिए से आचार्य चाणक्य बताते हैं कि व्यक्ति को ज्ञान अर्जन और अभ्यास को कभी नहीं त्यागना चाहिए। जो लोग शास्त्रों का समय-समय पर अभ्यास करता है, उन्हें जिंदगी में सभी क्षेत्रों में सफलताएं प्राप्त होती है। आपको ये भी बता दें कि अच्छा भोजन स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है और इसे ग्रहण करने से मन प्रसन्न रहता है। लेकिन जब व्यक्ति शारीरिक रूप से परेशान रहता है या जब बदहजमी की समस्या होती है, तब अच्छा और स्वादिष्ट भोजन भी मुश्किल को बढ़ा देता है। इसलिए जो व्यक्ति शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करता है और कुछ समय के बाद उसका अभ्यास छोड़ देता है। ऐसे समय में व्यक्ति के पास आधा-अधूरा ज्ञान ही बच जाता है। जो एक मनुष्य के विष के समान खतरनाक है।
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