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Chanakya Niti: बेटे, पत्नी और दोस्त में जरूर होना चाहिए यह गुण, जानें कैसे हैं आचार्य चाणक्य की ये सीख

केवल वही आदमी पुत्र कहलाने योग्य है...
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केवल वही आदमी पुत्र कहलाने योग्य है

mahendra india news, new delhi आचार्य चाणक्य की नीति आज भी समाज में मायने रखती है। इसी नीति के हिसाब से चलने पर हमारा भला हो सकता है। इसके लिए हमें कई बातों को ध्यान रखने की जरूरत है। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि राष्ट्र, समाज और स्वजन में सभी व्यक्तियों को अपनी-अपनी जिम्मेदारी होती है। 

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आचार्य चाणक्य ने स्वजन को समाज की मूलभूत इकाई बताया है और स्वजन नाम की संस्था के हर मेंबर की अपनी एक जिम्मेदारी होती है। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि बेटे, दोस्त और पत्नी यह प्रमुख गुण जरूर होना चाहिए। आचार्य चाणक्य के मुताबिक केवल वही व्यक्ति पुत्र कहलाने योग्य है, जो अपने माता-पिता की आज्ञा का सदैव पालन करता है। 

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ते पुत्रा ये पितुर्भक्ता: स पिता यस्तु पोषक:
तन्मित्रं यस्य विश्वास: सा भार्या यत्र निवृत्ति:

आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य के मुताबिक केवल वही आदमी पुत्र कहलाने योग्य है, जो अपने माता-पिता की आज्ञा का सदैव पालन करता है। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बाप के रूप में वह इंसान योग्य होता है, जो अपनी संतान का अच्छे से पालन-पोषण करता हो, उनके दुख-सुख का ध्यान रखता हो। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि विश्वसनीय व्यक्ति ही सच्चा दोस्त और पति को सुख देने वाली औरत ही वास्तव में अच्छी पत्नी कहलाती है।

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परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्
वर्जयेत् तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम्

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस प्रकार बाहर से सुंदर दिखाई देने वाले फल अंदर से मीठे नहीं होता है। ठीक वैसे ही मीठे बोल बोलने वाले घातक और धोखेबाज हो सकते हैं। आपको बता दें कि आपके सामने तारीफ करने वाले और पीठ पीछे निंदा करने वाले मनुष्य कभी भी दोस्ती के लायक नहीं होते हैं। ऐसे मनुष्य विष मिले दूध के समान होते हैं, इसलिए इनसे हमेशा सचेत रहना चाहिए।

केवल वही आदमी पुत्र कहलाने योग्य है
न विश्वसेत् कुमित्रे च मित्रे चाऽपि न विश्वसेत्
कदाचित् कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत्

आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि  निकृष्ट दोस्त पर कभी विश्वास नहीं करें। साथ ही चाणक्य ने कहा कि अपनी गुप्त बातें कभी भी अपने परम दोस्त को भी नहीं बताना चाहिए, क्योंकि गुप्त रहस्य जानने के बाद हितैषी दोस्त भी शत्रु बन सकता है।

डिसक्लेमर % आपको बता दे कि इस लेख में दी गई जानकारी धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। इस खबर का उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। आपको बता देते हैं कि इसके अतिरिक्त किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।