सिरसा CDLU में साइबर सुरक्षा और डिजिटल फॉरेंसिक प्रोग्राम्स के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा CDLU ने बदलते डिजिटल परिवेश और बढ़ते साइबर खतरों और साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन की जटिलता के मद्देनज़र छात्रों के लिए दो नवीनतम एक वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
इसके लिए 50 प्रतिशत अंको के साथ बारहवीं पास विद्यार्थी इन डिप्लोमा प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन 16 जुलाई 2025 से कर सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2025 रखी गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर व इन दोनों प्रोग्राम्स के कोऑर्डिनेटर विक्रम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार के दिशा निर्देशन में उद्योग जगत की मांग के अनुरूप अकादमिक सेशन 2025-26 से दो नए प्रोग्राम्स 'डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी एंड एथिकल हैकिंगÓ तथा 'डिप्लोमा इन डिजिटल फॉरेंसिक एंड इंवेस्टिगेशनÓ शुरू किए गए हैं जिन्हें दो सेमेस्टर में पूर्ण किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को साइबर अपराधों से किसी संस्थान की सुरक्षा व साइबर अपराधों की इन्वेस्टीगेशन में प्रयोग होने वाली आवश्यक तकनीकी दक्षताओं से लैस करना है। दोनों प्रोग्राम्स में 40-40 सीटों का प्रावधान रखा गया है और दस हज़ार रूपये की फीस प्रति सेमेस्टर निर्धारित की गई है।
प्रोफेसर विक्रम ने बताया कि डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी एंड एथिकल हैकिंग कोर्स के अंतर्गत नेटवर्क सुरक्षा, एथिकल हैकिंग, पेनिट्रेशन टेस्टिंग तथा डेटा सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस किया जाएगा। इस कोर्स को पूर्ण करने वाले छात्रों के लिए एथिकल हैकर, पेनिट्रेशन टेस्टर, सिक्योरिटी एनालिस्ट, नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर और साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंट जैसे करियर विकल्प उपलब्ध होंगे।
वहीं, डिप्लोमा इन डिजिटल फॉरेंसिक एंड इंवेस्टिगेशन कोर्स डिजिटल अपराधों की जांच, साक्ष्य एकत्रीकरण और विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होगा। इस कोर्स से प्रशिक्षित विद्यार्थी डिजिटल फॉरेंसिक एनालिस्ट, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेटर, इंसीडेंट रिस्पॉन्स स्पेशलिस्ट, फॉरेंसिक कंसल्टेंट और इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एनालिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
इन दोनों डिप्लोमा कोर्सों में विश्वविद्यालय द्वारा सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थी डिजिटल युग की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बन सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि ये कोर्स छात्रों को रोजगारपरक और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। इच्छुक विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर इन पाठ्यक्रमों से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय के कमेटी रूम में सीडीएलयू, सिरसा तथा साइबर थ्रेट हरियाणा, पानीपत के मध्य एक एमओयू हुआ था।