HARYANA के 10 बड़े नेता जो इस बार हार गए विधानसभा चुनाव, जानिए कौन हैं ये नेता

हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने के बाद भाजपा की सरकार बन गई है। मुख्यमंत्री व मंत्रीमंडल को 17 अक्टूबर को शपथ दिलाई जााएगी। इस चुनाव के नतीजों में बीजेपी, इनेलो, कांग्रेस, और जेजेपी के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है। हरियाणा में भले ही बीजेपी ने जीत हासिल की हो, लेकिन उसके कई बड़ा नेता इस चुनाव में बुरी तरह से हार गए।
हरियाणा के 10 बड़े नेता जो हारे चुनाव
अभय चौटाला:
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पोते और पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला भी इस बार ऐलनाबाद से चुनाव हार गए हैं। चौटाला को कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल ने हराया है।
2. दुष्यंत चौटाला:
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उचाना से चुनाव हार गये। दुष्यंत चौटाला सिर्फ 7,950 वोट ही हासिल कर पाए। इस चुनाव में उनकी पार्टी एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई।
3. भव्य बिश्नोई:
भजनलाल की पुश्तैनी सीट आदमपुर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भव्य बिश्नोई को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। भव्य आदमपुर सीट से दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र प्रकाश ने 1268 वोटों से हरा दिया।
4. बृजेंद्र सिंह:
उचाना विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह बहुत ही करीबी मुकाबले में भाजपा के उम्मीदवार से हार गए। उन्हें 32 वोटों से हार मिली। बता दें कि बृजेंद्र सिंह चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं।
5. रणजीत चौटाला:
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह भी चुनाव हार गये। निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रणजीत सिंह को भी जनता ने नकार दिया। पूर्व बिजली मंत्री अर्जुन चौटाला से चुनाव हार गये।
6. ज्ञान चंद गुप्ता:
पंचकूला सीट से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रमोहन ने जीत हासिल की है।
7. कंवर पाल गुर्जर:
हरियाणा की जगाधरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर को भी हार का सामना करना पड़ा है।
8. डॉ. कमल गुंप्ता:
हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से बीजेपीउम्मीदवार और निवर्तमान विधायक कमल गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे। आजाद उम्मीदवार सावित्री जिंदल ने जीत दर्ज की है।
9. गोपाल कांडा:
हलोपा अध्यक्ष गोपाल कांडा को सिरसा सीट से हार का सामना करना पड़ा, जबकि उन्हें भाजपा का समर्थन हासिल था। वह बीजेपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
10. सुनीता दुग्गल: फतेहाबाद की रतिया सीट से भाजपा ने इस बार पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल पर दांव खेला था। कांग्रेस के प्रत्याशी जरनैल सिंह ने सुनीता दुग्गल को 21442 मतों के अंतर से चुनाव में हरा दिया।