तेल की कीमतों को काबू रखने को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, ये किया सरकार

त्योहारी सीजन में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी न हो सके। इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है। पर्व सीजन में खाने के तेल के रेटों को काबू में रखने और बढ़ने से पहले सरकार ने बड़ा कदम उठया है।
इसी को लेकर सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों को निर्देश देकर कहा है कि प्रत्येक तेल का MRP तब तक बनाए रखा जाए जब तक कि आयातित खाद्य तेल स्टॉक जीरो प्रतिशत और 12.5 % बेसिक कस्टम ड्यूटी उपलब्ध न हो।
बता दें कि केंद्र सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए भारतीय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन, भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की गई।
अग्रणी खाद्य तेल संघों के साथ विभाग की बैठकों में इससे पहले भी सूरजमुखी, सोयाबीन और सरसों के तेल जैसे खाद्य तेलों की MRP उद्योग द्वारा कम की गई थी। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रेट घटने और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटने से तेल के रेटों में कमी आई है।
इसी के साथ ही समय-समय पर उद्योग के घरेलू मूल्यों को अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के अनुकूल बनाने की सलाह दी गई है ताकि उपभोक्ताओं पर अधिक भार न पड़े.
कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी
इसी के साथ ही केंद्र सरकार ने घरेलू तिलहन मूल्यों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी लागू की है। इसी 14 सितंबर, 2024 से कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क जीरो फीसदी से बढ़ाकर 20 % कर दिया गया है, जिससे कच्चे तेल पर प्रभावी शुल्क 27.5 % हो गया है।