गरीबों का ड्राई फ्रूट! सूखने के बाद बढ़ जाते हैं रेट, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
हर घर में काचरे की चटनी व सब्जी बनाई जाती है। इसका हर कोई टेस्ट लेना चाहता है। मार्केट में सब्जी की रेहड़ी पर काचरे मिलते हैं। यह राजस्थान में होती है, जंगली सब्जी होती है। काचरे की बेल फसल के साथ उगने वाला एक तरीके का खरपतवार होता है। बेहद उपयोगी खरपतवार होता है। बता दें कि यह सब्जी केवल वर्ष में 3 माह ही मिलती है. लेकिन राजस्थान में इसे सुखाकर रख लिया जाता है। सुखाकर रखने के बाद इसका उपयोग 12 माह किया जा सकता है.
आपको बता दें कि आमतौर पर काचरे की सब्जी बाजार में 40 से 60 रुपए किलो मिलती है. लेकिन इसे सुखाने के बाद ऑफ सीजन में इसकी कीमत 300 से 400 किलो हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं काचरे की सूखी सब्जी को बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकती है। एक तरीके से कहा जा सकता है कि सूखने के बाद इस सब्जी की रेट 10 गुना अधिक बढ़ जाती है.
गरीबों का ड्राई फ्रूट
आपको बता दें कि सुखी काचरे की सब्जी को गरीबों का ड्राई फ्रूट कहा जाता है. वे सीजन के समय खेतों में जाकर इस इक_ा करते हैं और इस छोटे-छोटे भागों में काटकर सुखा देते हैं. सीजन जाने के बाद इसे दुकानों को बेचते हैं। इसके अलावा वह इसका उपयोग पूरे 12 माह सब्जी बनाकर करते हैं। खास बात ये भी है कि इसका उपयोग किसी भी सब्जी में किया जा सकता है. किसी भी सब्जी में डालने से उसे सब्जी का स्वाद दोगुणा हो जाता है.
सुखी काचरी की सब्जी
सुखी काचरी एक पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन है। ये राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में बनाया जाता है. इसे सामान्यत:: तेल और मसालों में तला जाता है. इसको तैयार करने के लिए सुखी काचरी के टुकड़े (सूखे हुए), तेल, राई और जीरा, हींग, हल्दी, धनिया पाउडर, और मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक की आवश्यकता होती है.
खाने के फायदे
डा. पूजा ने बताया कि सुखी काचरी खाने के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक है. इसे खाने से कब्ज की परेशानी कम होती है. काचरी में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
गरीबों का ड्राई फ्रूट! सूखने के बाद बढ़ जाते हैं रेट, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
हर घर में काचरे की चटनी व सब्जी बनाई जाती है। इसका हर कोई टेस्ट लेना चाहता है। मार्केट में सब्जी की रेहड़ी पर काचरे मिलते हैं। यह राजस्थान में होती है, जंगली सब्जी होती है। काचरे की बेल फसल के साथ उगने वाला एक तरीके का खरपतवार होता है। बेहद उपयोगी खरपतवार होता है। बता दें कि यह सब्जी केवल वर्ष में 3 माह ही मिलती है. लेकिन राजस्थान में इसे सुखाकर रख लिया जाता है। सुखाकर रखने के बाद इसका उपयोग 12 माह किया जा सकता है.
आपको बता दें कि आमतौर पर काचरे की सब्जी बाजार में 40 से 60 रुपए किलो मिलती है. लेकिन इसे सुखाने के बाद ऑफ सीजन में इसकी कीमत 300 से 400 किलो हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं काचरे की सूखी सब्जी को बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकती है। एक तरीके से कहा जा सकता है कि सूखने के बाद इस सब्जी की रेट 10 गुना अधिक बढ़ जाती है.
गरीबों का ड्राई फ्रूट
आपको बता दें कि सुखी काचरे की सब्जी को गरीबों का ड्राई फ्रूट कहा जाता है. वे सीजन के समय खेतों में जाकर इस इक_ा करते हैं और इस छोटे-छोटे भागों में काटकर सुखा देते हैं. सीजन जाने के बाद इसे दुकानों को बेचते हैं। इसके अलावा वह इसका उपयोग पूरे 12 माह सब्जी बनाकर करते हैं। खास बात ये भी है कि इसका उपयोग किसी भी सब्जी में किया जा सकता है. किसी भी सब्जी में डालने से उसे सब्जी का स्वाद दोगुणा हो जाता है.
सुखी काचरी की सब्जी
सुखी काचरी एक पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन है। ये राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में बनाया जाता है. इसे सामान्यत:: तेल और मसालों में तला जाता है. इसको तैयार करने के लिए सुखी काचरी के टुकड़े (सूखे हुए), तेल, राई और जीरा, हींग, हल्दी, धनिया पाउडर, और मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक की आवश्यकता होती है.
खाने के फायदे
डा. पूजा ने बताया कि सुखी काचरी खाने के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक है. इसे खाने से कब्ज की परेशानी कम होती है. काचरी में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।