हिसार की बेटी निशा बनीं वैज्ञानिक, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में हुआ चयन, सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

निशा का सपना शिक्षक बनना था। उन्होंने कभी नहीं सोचा था की वह एक दिन वैज्ञानिक बनेगी। निशा के पापा सीआरपीएफ में है। वहीं निशा की मां का नाम सविता है जो एक गृहिणी है। इसके अलावा उनका एक छोटा भाई है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है।
बिना कोचिंग की परीक्षा, घर बैठकर इंटरनेट से की पढ़ाई
जो छात्र कहते हैं कि कोचिंग के बिना एग्जाम नहीं निकलेगा। उन्हें निशा से प्रेरणा लेनी चाहिए। निशा का कहना है कि उन्होंने बाहर से किसी भी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली। उन्होंने घर बैठकर परीक्षा की तैयारी की।
उन्होंने बताया कि इंटरनेट के सहारे केमिस्ट्री एप से कोचिंग ली। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जीजेयू के प्रोफेसर डॉ. सीपी कौशिक ने उनका मार्गदर्शन किया। वहीं बीएआरसी में साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत सुनील सेवटा ने इंटरव्यू के लिए उनकी मदद की।
10वीं तक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ी निशा
खबरों की मानें, तो निशा ने बताया कि उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से ही की। इसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा की पढ़ाई गांव सिकंदरपुर से की। उन्होंने एसडी महिला महाविद्यालय हांसी से बीएससी की। जीजेयू में एमएससी केमिस्ट्री में दाखिला लिया। एमएससी के बाद सीएसआईआर नेट जेआरएफ के लिए तैयारी की।
नेट की कोचिंग ऑनलाइन घर पर करती थी। तैयारी करते समय फरवरी 2023 में यूट्यूब के माध्यम से बार्क साइंटिफिक ऑफिसर की वैकेंसी के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत अप्लाई कर दिया। इसके बाद वह इसकी तैयारी में जुट गई और अपनी मेहनत और सच्ची लगन से इस एग्जाम को पास कर लिया।