1.75 लाख पशुपालकों ने उठाया मोबाइल वेरटनरी सेवा का लाभ
mahendra india news, new delhi
हरियाणा सरकार की 1962 मोबाइल वेटरनरी सेवा ग्रामीण पशुपालकों के लिए एक भरोसेमंद और कारगर व्यवस्था के रूप में सामने आई है।
प्रौजेक्ट मैनेजर विकास राणा ने बताया कि फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में शुरू की गई यह सेवा दिसंबर 2025 तक हरियाणा के 11 जिलों, अंबाला, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, पानीपत, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर में 174640 पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा चुकी है। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को बीमार पशुओं के इलाज के लिए दूर-दराज के पशु अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स द्वारा समय पर उपचारए प्राथमिक निदान और आवश्यक दवाइयां पशुपालकों के घर तक पहुंचाई जा रही हैं, जिससे पशुधन की मृत्यु दर में कमी आई है।
गौवंश संरक्षण को मिली मजबूती:
1962 मोबाइल वेटरनरी सेवा ने गौवंश संरक्षण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। दिसंबर 2025 तक 11 जिलों की 5788 गौशालाओं का भ्रमण कर 46694 गायों का सफल उपचार किया जा चुका है, जिससे गौशालाओं में पशुओं के स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार देखने को मिला है। यह सेवा हरियाणा सरकार एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत एक निजी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पशुपालकों के लिए 1962 मोबाइल वेटरनरी सेवा न केवल एक स्वास्थ्य सुविधा है, बल्कि यह उनकी आजीविका की सुरक्षा का मजबूत आधार भी बन रही है। सरकार और सेवा कर्मियों के समर्पित प्रयासों से यह योजना हरियाणा में पशु कल्याण और ग्रामीण विकास का प्रभावी उदाहरण बनकर उभर रही है।
