प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सिरसा में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
mahendra india news, new delhi
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में किसानों को प्राकृतिक खेती को लेकर सरकार की योजना के बारे में विशेषज्ञों की ओर से जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे अतिरिक्त उपायुक्त वीरेंद्र सहरावत ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया।
कार्यशाला में हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेेनिंग इंस्टिच्यूट जींद से डा. सुभाष ने प्राकृतिक खेती की विधि, कपास अनुसंधान केंद्र से डा. ऋषि शर्मा ने कपास की पैदावार, केवीके से डा. देवेंद्र जाखड़ ने मिट्टïी में पौषक तत्वों की कमी व भरपाई पर किसानों को जानकारी दी। इस मौके पर जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र, विषय विशेषज्ञ राकेश कुंट, गुण नियंत्रण निरीक्षक डा. अमित वर्मा, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. विजेंद्र चौहान, बिमला सिंवर मौजूद रहे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जहर मुक्त खेती समय की सबसे बड़ी मांग है और इस दिशा में हमें विशेष रूप से प्रयास करने होंगे। खेत में फसल अवशेष जलाने से बचना होगा ताकि मित्र कीटों को नुकसान न पहुंचे और वे अपना काम सही तरीके से कर पाएं। उन्होंने कहा कि जहरीले रसायन से ऐसे मित्र कीट नष्ट हो रहे हैं, जो फसल पैदावार व जमीन की उपजाऊ शक्ति में सहायक बनते हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढाएं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. सुखदेव सिंह ने कहा कि एक दिवसीय कार्यशाला में प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को आमंत्रित किया गया। सिरसा में प्राकृतिक खेती को लगातार बढावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में फसली अवशेष प्रबंधन भी आता है। सिरसा जिला में पराली जलाने के मामलों में इस बार 95 प्रतिशत तक की कमी आई है। गत वर्ष 188 मामले सामने आए थे, जबकि इस बार 15 जगह पर ही पराली जलाने की घटनाएं सामने आई है। उन्होंने कहा कि किसानों ने पराली प्रबंधन में महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिसके लिए विभाग किसानों का आभार जता रहा है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन की वजह से इस बार सिरसा का एक्यूआई बेहतर रहा है।
पराली प्रबंधन में अग्रणीय रही चार पंचायतों को किया सम्मानित
कार्यशाला के दौरान जिले में पराली प्रबंधन को लेकर उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली चार पंचायतों को जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया है। गत वर्ष चारों पंचायतें रेड जोन में थी और इस बार ग्रीन जोन में आई है। अतिरिक्त उपायुक्त ने ग्राम पंचायत मल्लेकां के सरपंच सुखदेव सिंह, देसू मलकाना के सरपंच गुरजीत कौर, झोरडऩाली के सरपंच विजय कुमार, मंगाला की सरपंच अनीता रानी को सम्मानित किया गया है।
प्राकृतिक खेती कर रहे सिंहपुरा के किसान जगदीश कुमार, सुकेरावाला के किसान मनोज कुमार, रामपुर थेड़ी के गुरदेव सिंह, ममेरा खुर्द के जगदीश कड़वासरा, राजपुरा साहनी के बलबीर सिंह, बाजेकां के मदन सहाराण, कर्मगढ के प्रमोद कुमार व डबवाली के आशीष मेहता को भी सम्मानित किया गया। पराली प्रबंधन में विशेष योगदान देने पर पोहडक़ां के निर्मल सिंह, बरुवाली के जितेंद्र सिंह, पनिहारी के रणजीत सिंह, रंधावा के सीबीजी प्लांट से आशीष व विजय को सम्मानित किया गया।
