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सब्जियों का पाउडर बना इनकम बढ़ा सकते हैं किसान, CDLU SIRSA में किया गया नया शोध

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Farmers can increase income by making vegetable powder, new research done in CDLU SIRSA
mahendra india news, new delhi

केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुणी करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। जिससे किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो सके। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री ने भी समय समय पर किसानों को प्रेरित करने के लिए योजनाएं चलाने के साथ साथ अपील की जा रही है।

इसी कड़ी में haryana के sirsa स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय CDLUने किसानों की  होने वाली फल सब्जियों के संरक्षण करने और उसका पाउडर बनाकर आमदनी करने का फार्मला सुझाया गया है। 

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में आंवला, तोराई, ककड़ी और बेर की विभिन्न किस्मों पर शोध के बाद इस निर्ष्कष पर पहुंचा गया है कि फल और सब्जी जल्द  होने से बचाने के लिए पाउडर बनाकर बेचा जा सकता है। इससे ने सिर्फ उस फल अथवा सब्जी के पाउडर को लंबे वक्त तक संरक्षित रखा जा सकता है। इसी के साथ इसे बेचकर अच्छी आमदनी कीजा सकती है। 

आपको बता दें कि इस शोध में पता चला है कि फल अथवा सब्जी से पाउडर बनाने के बाद भी न्यूटीएंड वैल्यू में कोई कमी नहीं आएगी। फल एवं सब्जी के सभी गुण पाउडर में भी समावेशित रहेंगे। 

ये किया गया कार्य 
CDLU के खाद्य एवं प्रौद्योगिकी विभाग के छात्रों ने डा. मंजू नेहरा के निर्देशन में आंवला, तोराई, ककड़ी और बेर की विभिन्न किस्मों पर शोध कार्य किया। सब्जी व फल से बीज अलग कर दिए गये। इसके बाद फिरउसे चार अलग अलग तरीके से सुखाया गया, इनका बाद में पाउडर बनाया गया। 

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बता दें कि इस पाउडर की न्यूटीएंड वैल्यू करीब उतनी ही पाई गई, जितनी ताजा में थी, उत्पादों को धूप, ओवन व माइक्रोवेव के अलावा स्प्रे करके भी सुखाया गया। इसके बाद उसका न्यूट्रीएंट वैल्यू देखा गया। 

सीडीएलयू के खाद्य एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डा. मंजू नेहरा ने बताया कि सबसे अच्छा परिणाम ओवन में सुखाने में आया और सबसे जल्दी इसी मेंं सूखे। 

उन्होंने बताया कि फल व सब्जियों में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण वे  होते है, इसलिए हमने पानी हटाकर उसे पाउडर में बदल दिया गया। जिसके बेहतर परिणाम आए। 

डा. मंजू नेहरा ने बताया कि कई बार किसानों को सब्जी व फल सस्ते में बेचने पड़ते हैं। इससे खर्च भी पूरा नहीं होता है। अगर किसान इन्हें संरक्षित करना सीख जाए तो वे लंबे वक्ततक स्टोर करने के बाद भी उत्पाद को बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक शोध कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए सीडीएलयू सिरसा हमेशा नवाचारों और अनुसंधान विचारों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत है।