गुलाबी सुंडी के लारवा प्यूपा नष्ट हो सके कपास की बिजाई से पहले ये करें किसान

हरियाणा के सिरसा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कपास का उच्च उत्पादन प्राप्त करने बारे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता संयुक्त निदेशक (कपास) डा. रामप्रताप सिहाग ने की।
संयुक्त निदेशक डा. रामप्रताप सिंह ने कहा कि अधिकारी किसानों को देसी कपास फसल के क्षेत्र बढ़ाने बारे जागरूक करें। इसके साथ ही गुलाबी सुंडी की रोकथाम बारे अभियान चलाकर किसानों को प्रोत्साहित करें। किसानों को खेत में पड़ी कपास की लकड़ीयों को झाडक़र स्थान बदलने तथा बचे हुए अवशेष (टिंडे आदि) को मिटट्ी में दबाने बारे जागरुक करें, ताकि गुलाबी सुंडी के लारवा प्यूपा नष्ट हो सके व कपास फ सल को गुलाबी सुंडी के नुकसान से बचाया जा सके।
प्रशिक्षण शिविर में वैज्ञानिक डा. चित्रलेखा ने कपास फ सल के कीटों व बीमारियों की रोकथाम हेतू पूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि कीटों की रोकथाम हेतू कई कीटनाशकों को मिलाकर स्प्रे न करें। नीम आधारित कीटनाशकों का प्रयोग करें।
कृषि उप निदेशक कृषि डा. सुखदेव सिंह ने कहा कि फील्ड में अभियान चलाकर किसानों को गुलाबी सुंडी की रोकथाम व कपास फसल का उच्च उत्पादन प्राप्त करने बारे जागरूक किया जाएगा। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ डा. राकेश, डा. अमित, डा0 कोमल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।