गुरुजी के लाडलों ने मानवता को धर्म और सत्य के लिए सर्वोच्च बलिदान करने का मार्ग भी दिखाया: प्रेम बजाज
mahendra india news, new delhi
सिरसा। वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में रहमत वैष्णो ढाबा, ट्रांसपोर्ट चेयरमैन, ट्रक एसोसिएशन द्वारा अनाज मंडी में शिव शक्ति ब्लड सैंटर द्वारा ब्लड कैम्प लगवाया गया, जिसमें मंडी एसोसिएशन को आमंत्रित किया गया। मंडी प्रधान प्रेम बजाज और एसोसिएशन के सदस्यों सहित सैकड़ों लोगों ने पहुंच कर शिविर में रक्तदान किया।
इस ब्लड कैम्प में एसोसिएशन प्रधान प्रेम बजाज, उप प्रधान राजू सुधा, महासचिव राजेंद्र नढा, कोषाध्यक्ष कृष्ण गोयल समेत मंडी के वरिष्ठ आढ़ती धर्मपाल जिंदल, राजन बावा, हन्नी अरोड़ा, मनीष कालड़ा, अनीश गर्ग, कीर्ति गर्ग, दीपक नढा, अंग्रेज सिंह, रमेश कड़वासरा, मास्टर राजेन्द्र समेत अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
इस मौके पर आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रेम बजाज ने धर्म की रक्षा के लिए दीवार में जिंदा चुने जाने वाले बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की महान शहादत को कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए कुछ पंक्तियों के माध्यम से कहा कि दशमेश पिता के लाडले, वो कौम के रखवाले थे, मौत को गले लगा लिया, वो बड़े ही निराले थे। सरहद की दीवारें भी रो पड़ीं उन्हें देख कर, जो धर्म की खातिर हंसते-हंसते, नींव में समाने वाले थे।
उन्होंने कहा कि उनका बलिदान भारत देश की चेतना है, जो युगों-युगों तक हमें धर्म, साहस और आत्म-सम्मान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने मानवता को धर्म और सत्य के लिए सर्वोच्च बलिदान करने का मार्ग भी दिखाया। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती,
जहां मासूम बच्चों ने धर्म की रक्षा के लिए दीवारों में जिंदा चिनवाना स्वीकार कर लिया हो, लेकिन झुकना स्वीकार नहीं किया हो। गुरु जी के परिवार के सभी सदस्यों ने एक सप्ताह के दौरान 20 से 27 दिसम्बर सन 1705 में धर्म व आमजन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह सप्ताह इतिहास के पन्नों पर सदैव अंकित रहेगा।
