Haryana News: हरियाणा में JJP विधायक ने मिलाया कांग्रेस से हाथ, देवेंद्र बबली बोले- कुमारी सैलजा का साथ देंगे, बड़ी दुविधा में था...
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के विधायक देवेंद्र बबली ने रविवार को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया। देवेंद्र बबली ने टोहाना में समर्थकों की मीटिंग में कहा, " उन्होंने अपना फैसला कोर कमेटी पर छोड़ा था। सदस्यों ने कुमारी सैलजा का नाम लिया। इस पर उन्होंने समर्थकों से चर्चा की तो उन्होंने सैलजा को समर्थन देने को लेकर हां कर दी।"
कोर कमेटी के मेंबर मोंटू अरोड़ा ने कहा- "कमेटी ने कई दिन इस पर चर्चा की। आखिरी में फैसला लिया गया कि इस बार कमेटी हाथ (कांग्रेस) के साथ जाएगी। कारण यह रहा कि 2019 में जब अशोक तंवर कांग्रेस में थे तो बबली की टोहाना से टिकट के लिए वह समर्थकों संग दिल्ली गए थे।
जब बबली की टिकट की बात करने की बात आई तो तंवर वहां से चले गए। उसके बाद वहां कहा गया कि बबली के गुंडे आए हुए हैं। वहां उनके बारे में गलत बातें चलाई गईं।"
देवेंद्र बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा से कांग्रेस की टिकट न मिलने के बाद जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को करारी शिकस्त दी थी। बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया था।
कहा- बड़ी दुविधा में था, क्या फैसला लेना है
देवेंद्र बबली ने कहा कि आज लोकसभा चुनाव का समय है। 6 महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। टोहाना को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए जो गाड़ी अपने प्रगति के पद पर चढ़ाई है, उसे मंजिल तक पहुंचाने के लिए मैं बड़ी दुविधा में था कि क्या फैसला लेना है।
मेरे पास मेरे टोहाना हलके के साथियों के फोन आते थे कि हमें आदेश दें कि हमें किस ओर जाना है। उन्होंने कार्यकर्ता से कहा कि मैं बड़ी दुविधा में हूं और मैं यह दुविधा आप सब से भी साझा करूंगा।
पिछले चुनाव में टोहाना की जनता ने सवा लाख वोट देकर जनप्रतिनिधि चुनकर अधिकार देने का काम किया, मेरे जैसा आदमी भाग्यशाली पूरे हिंदुस्तान में नहीं होगा। 2009 में उन्होंने एक नारा दिया था, दिशा सही सोच नई।
नेताजी ने एक आजाद हिंद फौज फौज बनाई थी और हमने टोहाना हिंद फौज खड़ी कर दी है। जब जनता एक हो जाती है और मन बना लेती है। चाहे कितना बड़ा ही लीडर हो वह नतमस्तक होकर जनता के सामने आएगा ही आएगा।
साथ काम करें तो संबंध अच्छे बन जाते हैं
बबली ने कहा कि जो कमेटी ने फैसला लिया, वो उससे बाहर नहीं जा सकते। अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। दोबारा रायशुमारी करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
पूर्व सीएम मनोहर लाल से अच्छे संबंधों पर बबली ने कहा कि जब ढाई साल तक एक साथ काम करें तो संबंध अच्छे बन जाते हैं। राजनीतिक संबंध अलग हैं, व्यक्तिगत संबंध अलग होते हैं।
वे पांच साल के लिए विधायक बने थे और चुनाव होने तक विधायक बने रहेंगे। जेजेपी से उनको अभी तक मनाने के लिए कोई अप्रोच नहीं हुई। क्योंकि जेजेपी के पास बहुत बबली आ गए होंगे, 80-90 बबली उन्होंने ढूंढ लिए होंगे।
वोट डलवा जानी थी समर्थकों की राय
दरअसल, देवेंद्र बबली ने पिछले दिनों अपने समर्थकों से वोट डलवा कर राय मांगी थी। एक दिन पहले बबली ने बताया था कि 3 हजार से ज्यादा लोगों ने उन्हें वोट दिया। इनमें 74 प्रतिशत लोगों ने फैसला उन पर छोड़ दिया है कि जो निर्णय वे लेंगे, वे उसमें उनके साथ रहेंगे।
उनके समर्थकों में 9 प्रतिशत लोगों ने उनको भाजपा जॉइन करने की सलाह दी। 17 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि वह कांग्रेस में जाएं, जबकि .5 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे जहां हैं, वहां रहें।
23 दिन पहले ही दिए थे संकेत
देवेंद्र बबली ने 23 दिन पहले ही पार्टी छोड़ने के संकेत दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर 8 लाइन की शायरी लिखी थी। इसे लेकर उनके जजपा को अलविदा कहने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
बबली ने X पर लिखा था- "जो तुझ से लिपटी बेड़ियां, समझ न इनको वस्त्र तू। ये बेड़ियां पिघाल के, बना ले इनको शस्त्र तू। तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश है। तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है।"
विधायक दुष्यंत चौटाला की कार्यप्रणाली से नाराज
जजपा के विधायक दुष्यंत चौटाला की कार्यप्रणाली और पार्टी में मान-सम्मान न मिलने से नाराज हैं। इन विधायकों का कहना है कि पार्टी बड़े फैसले लेते समय उनको विश्वास में नहीं लेती। सबसे पहले बागी होने की शुरुआत नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम ने की थी। इसके बाद धीरे-धीरे एक के बाद एक कई विधायक बागी हो गए।
राम कुमार गौतम ने हरियाणा विधानसभा में दुष्यंत चौटाला पर सत्ता में रहकर मलाई खाने का आरोप लगाया था। वहीं बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग दुष्यंत द्वारा उनके क्षेत्र की अनदेखी, फोन न उठाने और पार्टी की मीटिंग में न बुलाने के आरोप लगाते रहे हैं। इसी तरह विधायक देवेंद्र बबली भी दुष्यंत के खिलाफ झंडा उठाए हुए हैं।
पूर्व सीएम खट्टर के करीबी रह चुके बबली
देवेंद्र बबली हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के काफी करीबी माने जाते हैं। तत्कालीन खट्टर सरकार की ओर से जब पंचायतों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, तब प्रदेशभर में पंचायतों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था, इस दौरान पूर्व सीएम के साथ बबली हमेशा खड़े हुए दिखाई दिए, जबकि सरकार के इस फैसले का उनकी ही पार्टी के मुखिया पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विरोध किया था।