एचकेआरएनएल कर्मचारियों की जॉब पर मंडराया खतरा, हरियाणा सरकार का आर्डर बना परेशानी
HKRNL employees' jobs are in danger, Haryana government's order creates problems

हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड में भी कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। अब इसको लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा सरकार के एक आदेश ने एचकेआरएनएल (हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से भर्ती किए गए अनुबंधित कर्मचारियों को मुश्किल में डाल दिया है।
आपको बता दें कि इसी कारण से रिक्त पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारी, जो हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (जॉब सिक्योरिटी) एक्ट, 2024 के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। सरकार के इस ऑर्डर के बाद कांग्रेस द्वारा भी प्रश्र उठाए गए है, बता दें कि कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला की तरफ से इसको लेकर लगातार प्रश्र किये जा रहें हैं।
कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर
आपको बता दें कि मुख्य सचिव कार्यालय ने 3 अप्रैल को आदेश जारी किया था, जो मुख्य रूप से हरियाणा संविदा कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत कवर नहीं होने वाले संविदा कर्मचारियों से जुडाव है, प्रदेश सरकार ने इस ऑर्डर में निर्णय लिया है कि नवनियुक्त ग्रुप सी के शामिल होने और जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत सेवा की सुरक्षा का फायदा लेने वाले सभी संविदा कर्मचारियों के समायोजन के बाद अगर विभागों, बोर्डों, निगमों में रिक्त पद उपलब्ध नहीं हैं, तो आउटसोर्सिंग पॉलिसी या एचकेआरएनएल के पार्ट 1 और 2 के माध्यम शुरू में लगे अनुबंधित कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा।
नियुक्ति देना चाहती है प्रदेश सरकार
आपको बता दें कि इस आदेश में कहा गया है कि उन्हें 'पहले आओ पहले पाओÓ के सिद्धांत को लागू करके मुक्त किया जाएगा, यानी जो कर्मचारी सबसे अधिक व तक लगे है उनको पहले मुक्त किया जाएगा। हरियाणा सरकार चाहती है कि हाल ही में भर्ती हुए ग्रुप सी के कर्मचारियों को नियुक्ति दी जाए, इनकी भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से हुई।
बता दें कि अगर पद पर 15 अगस्त, 2019 से पहले आउटसोर्सिंग नीति के तहत या एचकेआरएनएल के माध्यम से कोई अनुबंधित कर्मचारी लगा हुआ है, तो ऐसे कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा. इसके बजाय, हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 के तहत सेवा की सुरक्षा का फायदा देने के लिए संबंधित विभाग की ओर से उसके मामले पर कार्रवाई की जाएगी।
तुरंत वापिस लिया जाए आर्डर
इस बारे मेंं प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की सर्वोच्च संस्था सर्व कर्मचारी संघ ने इस फैसल को अवैध और बिना किसी औचित्य के कहा है। सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा मुताबिक प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को जॉब देने का दावा कर रही है, मगर इस निर्णय से मोटी संख्या में युवा बेरोजगार हो जाएंगे। प्रदेश सरकार को तुरंत प्रभाव से इस आदेश को वापस लेना चाहिए, ताकि किसी भी संविदा कर्मचारी की छंटनी न हो सके।