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IAS Divya Tanwar: मजदूर मां की बेटी ने 2 बार क्रैक किया UPSC, पहले IPS और फिर बन गई IAS अफसर, जाने इनकी कहानी

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 IAS Divya Tanwar: मजदूर मां की बेटी ने 2 बार क्रैक किया UPSC, पहले IPS और फिर बन गई IAS अफसर, जाने इनकी कहानी

IAS Divya Tanwar: हर साल लाखों युवा यूपीएससी की तैयारी करते हैं लेकिन कुछ को ही इस परीक्षा में सफलता मिलती है। यूपीएससी क्रैक करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी ही आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने एक बार नहीं बल्कि दो बार UPSC क्रैक कर ससे कम उम्र की आईएएस अफसर बन गई।

21 की उम्र में बन गई थी IPS अफसर

दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस दिव्या तंवर की, जिनकी कहानी काफी अविश्वसनीय है. दिव्या दृढ़ता और इच्छाशक्ति की एक बेहतरीन मिसाल हैं. दिव्या ने केवल एक बार सिविल सेवा परीक्षा पास करने तक ही नहीं रुकी, बल्कि वह अपने आईएएस बनने के लक्ष्य के प्रति दृढ़ रही और इस कठिन परीक्षा को दो बार पास किया.

उनका साहसिक कार्य तब शुरू हुआ जब वह केवल 21 वर्ष की थीं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रतिष्ठित पद हासिल किया.

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मेन लक्ष्य था IAS बनना

हालांकि, दिव्या के मन में अधिक ऊंचाइयों की आकांक्षाएं थीं और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने की तीव्र इच्छा थी. इसलिए शुरुआती निराशाओं से विचलित न होते हुए, वह अपने आईएएस बनने के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक नई प्रतिबद्धता के साथ लड़ाई में लौट आईं.

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12 साल की उम्र में पिता को खोया

जन्म से ही दिव्या को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उनका जन्म महेंद्रगढ़ के छोटे से शहर में हुआ था, जो हरियाणा राज्य में स्थित है. बारह वर्ष की छोटी उम्र से, दिव्या ने अपने पिता को खो दिया. लेकिन वह घबराई नहीं और उन्होंने अटूट संकल्प के साथ जीवन की सभी बाधाओं का डटकर सामना किया.

उनकी यात्रा एक सरकारी स्कूल के साधारण गलियारे से शुरू हुई. परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्होंने शिक्षा का मार्ग अपनाया.

मां के हौसले ने किया प्रेरित

दिव्या की अटूट भावना उन वित्तीय सीमाओं के बावजूद कायम रही, जिन्होंने उसके सपनों पर छाया डाली थी. अपनी मां के अटूट प्रोत्साहन से प्रेरित होकर, वह बाधाओं को पार कर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए नवोदय विद्यालय चली गईं.

एक अतृप्त जिज्ञासा से सुसज्जित, दिव्या आत्मज्ञान की खोज में निकल पड़ी, और शैक्षणिक प्रयासों के परिणामस्वरूप अंततः वह साइंस में डिग्री हासिल करने में सफल हुईं.

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रोजाना 5 से 6 घंटे करती थी पढ़ाई

इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया और इसके लिए दिव्या ने पारिवारिक दायित्वों का सामना करते हुए रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई को समर्पित करते हुए एक कठोर मेहनत करने की योजना बनाई. अंतत: उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और वह यूपीएससी सिविल सेवा 2021 की परीक्षा में ऑल इंडिया 438वीं रैंक प्राप्त कर आईपीएस का पद हासिल किया.

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एक साल बाद ही बन गई IPS से IAS

हालांकि, दिव्या के मन में और भी ऊंचे लक्ष्य थे, उनकी नजरें प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) पर टिकी थीं. इसलिए, उन्होंने दोबारा परीक्षा देने की ठानी और तैयारी की कठिनाइयों को दृढ़ता से सहन करते हुए, एक अटूट संकल्प से प्रेरित होकर यूपीएससी सीएसई 2022 परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.

इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 105वीं रैंक हासिल की और अपने आईएएस बनने के लक्ष्य को पूरी किया.