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IAS Success Story: पहले बनीं वकील फिर IAS अफसर, दूसरे अटेंप्ट में क्रैक किया UPSC, रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई

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 IAS Success Story: पहले बनीं वकील फिर IAS अफसर, दूसरे अटेंप्ट में क्रैक किया UPSC, रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई
 IAS Success Story: यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करना बच्चों का खेल नहीं है। इस एग्जाम को पास कर कुछ ही लोग सफलता हासिल कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसी आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहें है जिन्होंने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास कर सफलता हासिल की। आइए जानते हैं उनके बारे में...

आज की कहानी में मिलिए वैशाली सिंह से। वैशाली ने 2018 में सिविल सर्विस परीक्षा में, दूसरी बार में 8वीं रैंक हासिल की।

फरीदाबाद के बल्लभगढ़ की वैशाली वकीलों के परिवार से हैं। उनकी मां सुमन सिंह और पिता भी पेशे से वकील हैं। वैशाली ने भी लॉ की पढ़ाई की है। उनके पेरेंट्स फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकील हैं। वैशाली का छोटा भाई भी वकील है।

वैशाली ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली से 5 साल का BA-LLB कोर्स किया। जिसमें वे गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। लॉ फर्म में काम करते हुए वे अपने काम से संतुष्ट नहीं थी। इसी दौरान उन्होंने सोचा था सिविल सर्विस जॉइन करने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। तब ही उन्होंने तैयारी शुरू की। पहले अटेंप्ट में वे प्रीलिम्स में फेल हुईं।

गलतियों से सीखा
प्रीलिम्स में ही फेल होने के बाद वैशाली ने अपनी गलतियों से सीखा। उन्होंने सबसे पहले सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी की स्ट्रेटजी को क्लीयर किया। वैशाली के मुताबिक ये परीक्षा पूरी तरह प्लान और स्ट्रेटजी के आधार पर ही क्लीयर की जा सकती है। वे बताती हैं कि एग्जाम की तैयारी के लिए जितना फोकस करना होता है, रिविजन के लिए उतना ही फोकस चाहिए होता है। स्ट्रेटजी के साथ तैयारी कर परीक्षा क्रैक की जा सकती है।

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इस पेपर के समय के मुताबिक ही कैंडीडेट्स को तैयारी करनी चाहिए। ऐसा टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें, पेपर जिस टाइम में हो उस समय में कैंडीडेट्स का ज़हन सबसे ज्यादा फ्रेश रहना चाहिए। ज्ञान और स्ट्रेटजी दोनों की मदद से परीक्षा पास की जाती है।

रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई
पहले अटेंप्ट में प्रीलिम्स में फेल होने के बाद वैशाली को पूरा यकीन था कि वे दूसरी बार में इस एग्जाम को ज़रूर पास कर लेंगी। जो उन्होंने कर भी दिखाया। वैशाली हर दिन के 10 घंटे अपनी पढ़ाई के लिए देती थीं। पहली बार 2017 में सिविल सर्विस एग्जाम देने से सिर्फ तीन महीने पहले ही उन्होंने तैयारी शुरू की थी।

सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे कैंडीडेट्स को सलाह देते हुए वैशाली ने कहा, सभी उम्मीदवार अपनी ताकत की बजाय, कमज़ोरी पर ध्याम दें और उससे उबरें।