Improved Varieties of Moong: मूंग की ये हैं उन्नत किस्में, इन किस्मों की बिजाई कर किसान हो सकते हैं मालामाल

मुस्कान, सत्या, बसंती, एमएच 421 किस्म व अन्य किस्मों की क्या है खास बातें 
 | 
mahendra india news

mahendra india news, sirsa
मूंग खरीफ की दलहनी फसल है। इसकी अच्छी किस्मों की बिजाई कर किसान मालामाल हो सकते हैं। जो किसान धान की बिजाई करना चाहते हैं। वह मूंग की बिजाई कर सकते हैं क्योंकि मूंग की कई किस्में बहुत ही कम समय में तैयार होती है। इन किस्मों से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। 

ये हैं महत्वपूर्ण किस्में 
मूंग की मुस्कान किस्म 
यह मुस्कान किस्म एमएच 96-1 के नाम से भी जानी है। यह किस्म खरीफ मौसम में आम काश्त के लिए साल 2002 में अनुमोदित की गई थी। इसकी खास बात ये भी है कि यह पीले पत्ते वाले मोजैक वायरस रोग के लिए अवरोधी है। दाना इसका मध्यम, चमकीला व हरे रंग का होता है।

मूंग की सत्या किस्म

इस सत्या किस्म के हरियाणा व राजस्थान के सभी क्षेत्रों में खरीफ मौसम में उगाया जा सकता है। पुरानी किस्मों की तुलना में इसकी पैदावार अधिक होती है। यह लंबी बढऩे वाली किस्म है। इसकी फलियां सीधी एवं दाने चमकदार हरे रंग के हैं। यह किस्म सभी बीमारियों की अवरोधी है। 

WhatsApp Group Join Now

मूंग की बसंती किस्म
मूंग की बसंत किस्म खरीफ व बसंत मौसम में उगाया जा सकता है। पुरानी किस्मों की तुलना में इसकी पैदावार 6 से 7 क्विंटल प्रति एकड़ अधिक है। यह लंबी बढऩे वाली किस्म है। इसका दाना अत्यधिक स्वादिष्ट, आकर्षक तथा अधिक प्रोटीन वाला होता है। इसकी 90 फीसद फलियां एक साथ पक कर तैयार हो जाती है। 

एमएच 421 किस्म
मूंग की एमएच 421 किस्म खरीफ व ग्रीष्मकालीन मौसम में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। यह किस्म 60 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी फलियां झड़ती नहीं है। पीले पत्ते वाले मौजैक वायरस रोग, पत्तों के धब्बो का रोग व जलयुक्तझुलसा रो के लिए अवरोधी है।

मूंग की एमएच 318 
एमएच 318 मूंग की किस्म को सभी क्षेत्रों में खरीफ, बसंत व ग्रीष्मकालीन मौसम में बिजाई कर सकते हैं। यह किस्म अधिक पैदावार व बहुत कम समय में यानि 60 दिन में पकने वाली किस्म है। यह किस्म पीले पत्ते वाले मोजैक वायरस रोग, पत्तों के धब्बों का रोग व जलयुक्तझुलसा रोग के लिए मध्यम रोगरोधी है। इसके दाने आकर्षक, चमकीले हरे तथा मध्यम आकार के होते हैं। 

एमएच 1142
मूंग की एमएच  1142 किस्म से किसान अधिक पैदावार ले सकते  हैं। मूंग की रोगरोधी किस्म को भारत के उत्तर पश्चिमी व उत्तर पूर्व के मैदानी क्षेत्रों में इसको उगाया जा सकता है। खरीफ काश्त के लिए इसको अनुमोदित किया गया है। 


चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा के सीनियर कोडिनेटर डा. देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि किसान मूंग की उन्नत किस्मों की बिजाई कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इन किस्मों की बिजाई कर आर्थिक रूप से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। 

News Hub