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Indian Railway: रेल यात्री जान लें रेलवे के ये 5 नियम, ट्रेन का सफर होगा बिल्कुल आसान

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 Indian Railway: रेल यात्री जान लें रेलवे के ये 5 नियम, ट्रेन का सफर होगा बिल्कुल आसान
Indian Railway Rule: अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए काम की खबर है। रेलवे द्वारा यात्रियों को बहुत सुविधाएं दी जाती है। आज हम आपको ऐसे 5 रेलवे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपका रेल सफर आसान कर देगी।

अभी तक आप समझ गए होंगे कि हमारा इरादा आपकी फिरकी लेने का नहीं बल्कि आपको ट्रेन यात्रा के कुछ जरूरी नियम बताना है। जो आपने ये नियम जान लिए तो जुर्माने की फिरकी से बचे रहेंगे। जरूरी पांच नियम राजधानी की स्पीड से जान लीजिए।

ट्रेन में लगेज की लिमिट है
एकदम वैसे ही जैसे हवाई जहाज में होता है। ट्रेन में भी लगेज ले जाने की एक लिमिट है। रेलवे ने हर कोच के हिसाब से सामान की एक लिमिट तय की है। जैसे 40 किलो से लेकर 70 किलो तक का भारी सामान अपने साथ ट्रेन के डिब्बे में रख सकते हैं। 

स्लीपर में 40 किलो तक, एसी टू टीयर में 50 किलो, फर्स्ट क्लास एसी में सबसे ज्यादा 70 किलो। इससे ज्यादा सामान है तो लगेज वैन में बुक कीजिए वरना।।। आप समझदार हैं।

ट्रेन में लगेज की लिमिट 
सिर्फ मोबाइल चार्ज करने का रे बाबा
ट्रेन में जो चार्जिंग सॉकेट होता है वो सिर्फ मोबाइल चार्ज करने के लिए है। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो इससे जुड़ी सूचना प्लग के पास लगी होती है। लैपटॉप, पावर बैंक, चाय बनाने वाली केतली या कोई और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट चार्ज करने पर TTE आपको ‘चार्ज’ कर सकते हैं। बोले तो जुर्माना लग सकता है।

 दरअसल इसके पीछे का गणित बिजली की सप्लाई में है। आमतौर पर लैपटॉप चार्जर को 110/220V की पावर चाहिए होती है जबकि ट्रेन वाला प्लग इसका आधा आउटपुट ही देता है। माने कि प्लग में चार्जर खोंसने से वो बहुत स्लो चार्ज होगा। हां जुर्माना फास्ट लगेगा। इसलिए रहने दीजिए।

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सांकेतिक इमेज 
ट्रेन टिकट की वैधता
आपने टिकट बुक की A शहर से, मगर आपका मन हुआ कि हम तो B शहर से चढ़ेंगे। या फिर आपकी ट्रेन छूट गई और आपने तय किया कि चलो अगले स्टेशन से पकड़ लेंगे।

 आप ऐसा कर सकते हैं, मगर आगे के दो स्टेशन तक। मतलब आपके बोर्डिंग स्टेशन से अगले दो स्टेशन तक टिकट आपकी ही रहेगी। इसके बाद TTE अंकल उसको किसी और सवारी को दे देंगे।

जागो सवारी जागो
ये नियम है मिडिल वाली बर्थ के लिए। इसके ऊपर सोने का समय तय है। रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक। इसके बाद मिडिल बर्थ को फोल्ड करके सोने देना होगा। हालांकि आपको तय सीमा से ज्यादा सोना है तो लोअर बर्थ और अपर बर्थ की सवारियों से सहमति लेनी होगी। आप जिद करके तय वक्त से ज्यादा नहीं सो सकते हैं।

यात्रा जारी रहे 
बहुत काम का नियम है, जब आपको अपने आखिरी स्टेशन तक का रिजर्वेशन नहीं मिल रहा हो। आप एक स्टेशन या दो स्टेशन पहले का टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद ट्रेन में TTE से कहकर आप बचे हुए स्टेशन का टिकट ले सकते हैं। 

कई बार आपके स्टेशन तक पहुंचते-पहुंचते यात्रियों की संख्या कम हो जाती है इसलिए आपको टिकट मिल सकती है। हां सीट या डिब्बा वही मिले जिस में आप यात्रा कर रहे थे, वो जरूरी नहीं।