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टिकट बांटने के खेल में इनेलो कामयाब, HARYANA में 30 सीटों पर इनेलो की सीधी टक्कर, अभय की रणनीति बदल सकती है तस्वीर

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हरियाणा में 30 सीटों पर इनेलो की सीधी टक्कर, अभय की रणनीति बदल सकती है तस्वीर
mahendra india news, new delhi

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर 5 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव को लेकर नामांकन करने करने का वीरवार को अंतिम दिन था। अंतिम दिन सभी पार्टियों के बचे हुए प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। इस चुनाव में सबसे नजर इनेलो पार्टी पर है। पिछले तीन दिनों से इनेलों ने टिकट बांटने व समझौता नेताओं से किया। उससे लग रहा है कि इनेलो नेता व ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला की रणनीति प्रदेश के चुनाव में तस्वीर बदल सकती है।


प्रदेश में INLD का बसपा, हलोपा से भी गठबंधन है, इस गठबंधन से पार्टी को काफी फायदा मिलेगा। क्योंकि हलोपा पार्टी के अध्यक्ष गोपाला कांडा से पूरा साथ मिल रहा है। गोपाल कांडा सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जो प्रचार में सबसे आगे है। 

इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पूरी रणनीति से कार्य कर है। खुद ऐलनाबाद हलका से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां पर उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भरत सिंह बैनीवाल से हैं। 


कांग्रेस को हरियाणा की कम से कम 30 सीटों पर INLD सीधी टक्कर देकर खेल में बड़ी वापसी करती नजर आ रही है।  इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह भी कांग्रेस पार्टी के अंदर का अतर्कलह ही है।  क्योंकि, कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता इनेलो के साथ हो गये हैं और इनेलो ने इनमें से कई उम्मीदवारों को टिकट भी दे दिया है। 

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ये भी बड़ा कारण 
हरियाणा प्रदेश में BJP 10 वर्ष से सत्ता में है, ऐसे में सरकार के खिलाफ जनता में एक लहर, दूसरी कांग्रेस का अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय, तीसरा कांग्रेस और BJP के खिलाफ आप पार्टी का मैदान में उतरना, चौथा कांग्रेस में अंदरुनी कलह के साथ टिकट बंटवारे को लेकर उसके कार्यकर्ता और नेताओं के बीच फैली हुई नाराजगी और 5वां और सबसे अहम हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टियां जैसे इनेलो का इस चुनाव के लिए दमखम लगाना. इस सब के बीच कांग्रेस में बगावत हरियाणा चुनाव के पूरे सीन को बदल सकता है। 


कई नेताओंं के काटे टिकट 
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में कई पूर्व MLA व वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया. कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद से कई नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस में यहां खेमेबाजी भी खूब देखने को मिल रही है। हरियाणा प्रदेश में एक तरफ कुमारी शैलजा के समर्थक, दूसरी तरफ भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक और तीसरी तरफ रणदीप सिंह सुरजेवाला को चाहने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता है। हालांकि, कार्यकर्ता और नेता जो इस वक्त पार्टी के साथ जुड़े हैं, वह जरूर यह कहते रहे हैं कि पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं हैं और सभी एक साथ पूरी ताकत से खड़े हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। 


आजाद उतरे उम्मीदवार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में बगावत के सुर पूर्व विधायक शारदा राठौर ने भी छेड़ दिया है।  वह कांग्रेस की टिकट पर पूर्व में बल्लभगढ़ विधानसभा से एमएलए रही हैं. लेकिन, इस बार कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. शारदा राठौर ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है, कांग्रेस ने यहां से पराग शर्मा को टिकट दिया है। 


नलवा में कांग्रेस नेता संपत सिंह ने भी अपने तेवर दिखा दिए, उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई.
इसी के साथ ही कांग्रेस नेता उपेन्द्र कौर अहलूवालिया ने भी कांग्रेस के खिलाफ बगावत के सुर दिखाए. कांग्रेस ने उपेन्द्र कौर अहलूवालिया की जगह चंद्रमोहन को टिकट दिया।  भिवानी के विधानसभा बवानी खेड़ा से कांग्रेस ने प्रदीप नारवाल को टिकट दिया है। जबकि यहां से तैयारी कर रहे व पार्टी से टिकट की उम्मीद लगाए मास्टर सतबीर रतेरा को झटका लगा है

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. अंबाला कैंट से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। 
कांग्रेस ने यहां से परिमल परी को टिकट नहीं मिला। वहीं, पानीपत शहरी सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद रोहिता रेवाड़ी ने आजाद के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ ही दूसरी तरफ पानीपत ग्रामीण से टिकट नहीं मिलने पर विजय जैन ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और आजाद के तौर पर मैदान में उतर गए।