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इसरो अब करने जा रहा है यह, मिशन चंद्रयान-5 को ग्रीन सिग्नल, क्या है इसरो की योजना

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ISRO is going to do this now, green signal to mission Chandrayaan-5, what is ISRO's plan
mahendra india news, new delhi

इसरो यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को केंद्र सरकार ने चंद्रमा पर स्टडी करने के लिए देश भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-5 को हरी झंडी दे दी है। इसरों के अध्यक्ष वी नारायणन ने जानकारी इसको लेकर शेयर की है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-5 मिशन चांद की सतह का रिसर्च करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर लेकर जाएगा, जबकि चंद्रयान 3 में 25 किलोग्राम का रोवर लेकर गया था. 


भारत का मून मिशन 
जानकारी के अनुसार चंद्रयान मिशन का विशेष तौर पर मकसद चांद की सतह का स्टडी करना है। चंद्रयान-1 वर्ष 2008 में कामयाब पूर्वक लॉन्च हुआ। इसने चंद्रमा के केमिकल, खनिज और फोटो-जियोलोजिक मौपिंग की थी। वहीं वर्ष 2018 का चंद्रयान-2 98 फीसद तक कामयाब रहा था, लेकिन अंतिम चरण में मिशन का सिर्फ 2 फीसद ही हासिल नहीं किया जा सका, हालांकि इसके बावजूद चंद्रयान-2 पर लगा हाई रिजॉल्यूशन कैमरा भी भी सैंकड़ों फोटो भेज रहा है. 


इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है. इसका मकसद सेफ लैंडिंग और चांद की सतह पर घूमने की पूरी क्षमता का प्रदशर्न करना है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को कामयाब तौर पर लॉन्च किया है. इसके विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त साल 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी। उन्होंने बताया कि बस 3 दिन पहले ही हमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है, इसे जापान की मदद से करेंगे। 
 

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