Mangalsutra: किसने शुरु की ये परंपरा, हिंदू धर्म में शादी के बाद मंगलसूत्र क्यों पहनती है महिलाएं
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Mangalsutra:
Mangalsutra: Who started this tradition, why do women wear Mangalsutra after marriage in Hinduism हिंदू धर्म में मंगलसूत्र को सुहाग की निशानी माना जाता है। सुहागिन महिलाएं हमेशा गले में मंगलसूत्र पहनती है। मंगलसूत्र पति और पत्नी के रिश्ते को जोड़कर रखने वाला धागा है। लेकिन क्या आप जानते हैं मंगलसूत्र पहनने के पीछे क्या धार्मिक मान्यताएं है।
मंगलसूत्र का धागा और मोती
शास्त्रों की मानें तो शादी के बाद भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती सुहाग की रक्षा करते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि मंगलसूत्र में काले रंग के मोती होते है। मान्यता है कि काला रंग शनिदेव का प्रतीक हैं और ऐसे में काले मोती सुहागनों के सुहाग को बुरी नजर से बचाते हैं।
Mangalsutra: Who started this tradition, why do women wear Mangalsutra after marriage in Hinduism वहीं कई जगहों पर मंगलसूत्र का धागा पीले रंग का होता है। पीला रंग बृहस्पति ग्रह का प्रतीक होता है जो शादी को सफल बनाने में मदद करता है।
प्रेम का प्रतीक
मंगलसूत्र में सोना का अंश जुड़ा होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि सोना (Gold) पहनने से शरीर शुद्ध होता है। स्नान के समय सोने का स्पर्श करके जो पानी शरीर पर गिरता है उससे पापों से मुक्ति मिलती है। मंगलसूत्र में मोर का चिन्ह बना होता है जो पति के प्रति प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
रिश्ते को मजबूत बनाए
हिंदू परंपराओं के मुताबिक, एक मंगलसूत्र में 9 मनके होते हैं, जो ऊर्जा के 9 विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये ऊर्जाएं पत्नी और पति को बुरी नजर से बचाती हैं। इन मोतियों को सभी तत्वों वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि की शक्ति के लिए भी जाना जाता है। ये 4 तत्व पति और पत्नी के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।
