गणित जीवन का आधार है, विद्यार्थियों को मैथ पढ़ने में रुचि होगी, तभी राष्ट्र विकसित होगा
Mahendra india news, new delhi
लेखक
नरेंद्र यादव
नेशनल वाटर अवॉर्डी
यूथ एंपावरमेंट मेंटर
जब हम वैज्ञानिक टेंपरामेंट की बात करते है तो उसका आधार गणित ही है, मैथेमेटिक्स ही है। जीवन की हर गतिविधि का बेस मैथ है, बस इतनी से बात हमारी समझ में नहीं आती है, इसे कैसे समझा जाएं, यही बड़ी मुसीबत हम सबके सामने है। आज हम भारतीय राष्ट्रीय गणित दिवस मना रहे है, और विश्व के महान गणितज्ञ श्रीमान श्रीनिवास रामानुजन जी को याद कर रहे है।
श्रीनिवास रामानुजन, जिनका जन्म 22 दिसंबर 1887 में तमिलनाडु राज्य के इरोड में हुआ। उन्होंने 3884 स्वयं सिद्ध प्रमेय का संकलन किया, श्रीमान रामानुजन जी ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी एच हार्डी के साथ गणित पर कार्य किया। वर्ष 2012 में इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाने का निर्णय भारत सरकार ने लिया। गणित एक ऐसा विषय है जिससे आजकल युवा भागने लगे है, डरने लगे है, जबकि यह पता है कि गणित के बिना जिंदगी को संवारा ही नहीं जा सकता है,
लेकिन कुछ बच्चों को मैथेमेटिक्स से इतना भय है कि वो अपनी स्ट्रीम ही बदल लेते है, इसके विपरित कुछ विद्यार्थियों का इतना जुड़ाव होता है कि वो इसे पढ़ने में रुचि रखते है। हमारे यहां जब से प्रतिस्पर्धात्मक प्रतियोगिताओं में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों का चलन बढ़ा है तो हमारे सामने विभिन्न अकादमियों का जन्म हुआ, जो विभिन्न एग्जाम की तैयारियां कराने के बहाने केवल ऑब्जेक्टिव टाइप से परिणाम को रटवाने में लगे रहते है,
बच्चों में समझ पैदा नहीं की जाती है। हमारे बच्चे विज्ञान को पढ़ना चाहते है परंतु गणित से दूर भागते है। डॉक्टर अधिकतर वही विद्यार्थी बनाना चाहते है जिनकी मैथेमेटिक्स में रुचि नहीं होती है, कितनी विचित्र बात है कि जो विषय हमारे जीवन का आधार है उसे ही हम इस लिए नहीं पढ़ना चाहते है क्योंकि उसे खुद ही मुश्किल बना लिया है। जीवन की हर छोटी से छोटी गतिविधि में जिस विषय की जरूरत होती है, उससे क्यों डरते है हमारे युवा विद्यार्थी।
जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का हल, किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में, किसी भी प्रकार से समय के प्रबंधन में, किसी भी प्रकार के बजट प्रबंधन में, इतिहास की जानकारी में, विज्ञान के विषय पढ़ने में, पॉलिटिकल साइंस के गहन ज्ञान में, समाज शास्त्र को समझने के लिए, फाइन आर्ट को बेहतर ढंग से समझने के लिए ,
राजनीतिज्ञों की वोट आधारित राजनीति में, विभिन्न सिविक सेंस को डेवलप करने के लिए, तथा विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए भी तो गणित की जरूरत पड़ती है। जीवन का कोई ऐसा विषय नहीं है जो बिना गणित के चलता हो, इसी को ध्यान में रखते हुए हमे विद्यार्थियों में गणित विषय को रुचिकर बनाने की जरूरत है। जीवन के हर प्लस, माइनस, गुणन तथा विभाग को समझने के लिए गणित पढ़ना बेहद आवश्यक है। आप सभी ने गणित का "बोड़मास" फॉर्मूला तो पढ़ा ही होगा, अगर नहीं भी पढ़ा है तो आज इस पर विमर्श कर ही लेते है क्योंकि जीवन को जीने का भी सबसे बेहतरीन फॉर्मूला यही बोडमास का फॉर्मूला ही है।
यही हमारी सभी समस्याओं का हल निकालता है। जिसमें पहला स्टेप, जीवन के सारे ब्रैकेट्स को खोलने का ज्ञान देता है अर्थात जीवन में हर उस समस्या जिसके भीतर हम जकड़े हुए है, उसमें सभी प्रकार के अंधविश्वास, सभी प्रकार की रूढ़ियां, सभी प्रकार की आरामदायक स्थितियों से खुद को बाहर निकाले, जीवन के लोभ, मोह, क्रोध, पूर्वाग्रहों से बाहर निकालने का अभ्यास करें। उसके बाद दूसरा स्टेप जीवन को ऑर्डर में करें, हर प्रकार की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार करें, जिसमें जो मूल रूप से हमारे कर्तव्य है,
और जो हमारे ऊपर दूसरों के भार है यानि दायित्व है, उन्हें भी ऑर्डर में करने के लिए कठिन से कठिन प्रयत्न करें, तीसरे स्टेप में भाग करना है, जो हमारे पास है उसे दूसरों के साथ भी शेयर करें, जिंदगी के अच्छे लम्हे सभी के साथ साझा करें, अपनी कमियां, दुख तकलीफ भी सभी के साथ साझा करे, जिससे हम अवसाद से बच सके, चौथे स्टेप मल्टीप्लिकेशन के रूप में अपनी अच्छाईयों को गुणा करना सीखें, दूसरों से की गई अच्छी आदतों को भी गुणा करें, ताकि वो बढ़ सके और जरूरत पड़ने पर काम आवे, और उन्हें गुणन फल के रूप में सभी तक पहुंचाए। पांचवे स्टेप एडिशन के तौर पर सभी लोगों को अपने साथ बेहतरी के लिए जोड़ने की जुगत करें,
उनके भीतर की अच्छाइयों को अपने व्यक्तित्व में जोड़ने की इच्छा शक्ति रखें, अच्छी चीजों को लेने का प्रयत्न करें, अच्छी आदतें जहां से भी मिले उसे संचित करने का भाव बनाएं, तथा छठे स्टेप घटाव के रूप में हमारे पास जो स्किल है वो सबसट्रक्शन की है यानि घटाव की अर्थात बोडमास के फार्मूला का आखिरी लेटर हमे अपने जीवन की सभी बुराइयों को घटाना सिखाता है, उन्हें अपनी हर गतिविधि से माइनस करना है,
ऐसे लोगों को माइनस करना है जो किसी भी प्रकार से हमे हतोत्साहित करते है, किसी भी प्रकार से नकारात्मक होते है, किसी भी प्रकार से बुराइयों की ओर लेकर जाते है, किसी भी प्रकार से गलत आदत या संगत की तरफ धकेलते है। किसी भी बुराई, नशे को अपनी जिंदगी से निकालने का संकल्प करना चाहिए,
यह फॉर्मूला जीवन को मैथेमेटिकल तरीके से गढ़ने का अभ्यास है। इसे सभी विद्यार्थियों तथा युवाओं को अपनाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय मैथेमेटिक्स दिवस के शुभ अवसर पर हम सभी को एक संकल्प तो लेना ही चाहिए कि हम आज से जीवन में मैथ को स्थान देंगे, जीवन में तर्कशीलता को स्थान देंगे,जीवन को गणितीय बनायेंगे, जीवन को गणितीय सूत्रों के अनुरूप जीने की कौशिश करेंगे। हम सभी भारतीय, श्रीमान श्रीनिवास रामानुजन जी के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने भीतर से मैथ का भय निकालने का अभ्यास करेंगे तथा गणित को अपने जीवन का अंग बनाएंगे।
जय हिंद, वंदे मातरम
