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मानसून की रूकावट, खरीफ फसलों के लिए खतरा, देश में मानसून की स्थिति

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Monsoon interruption, threat to Kharif crops, monsoon situation in the country
mahendra india news, new delhi

मानसून की बरसात को लेकर हर वर्ष इंतजार रहता है। इस सीजन में बरसात का सबसे ज्यादा इंतजार किसानों को रहता है। इस वर्ष मानसून के पूरे पूर्वोत्तर देश में वक्त से पहले आने और तेजी से आगे बढ़ने के साथ शानदार शुरुआत हुई थी। लेकिन जल्द ही, मानसून की पूर्वी शाखा, जो बंगाल की खाड़ी से आती है, अचानक रुक गई और यह स्थिति अभी भी जारी है।

मौसम स्काईमेट एप अनुसार इस रुकावट का सीधा असर खेती पर पड़ा है। खरीफ सीजन में फसलों की बुआई के लिए जून का माह बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन, मानसून की रुकावट और अपर्याप्त बरसात की वजह से किसान समय पर बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। इससे फसलों की पैदावार पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। मानसून की रुकावट की वजह से जलाशयों और नदियों में पानी का स्तर नहीं बढ़ पा रहा है, जिससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति ने किसानों को अनिश्चितता में डाल दिया है।

देश में मानसून की स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार विशेष रूप से, जून माह में हुई कम बरसात ने सारे देश में मानसून के सामान्य पैटर्न को प्रभावित किया है। पश्चिमी घाट,जहां आमतौर पर बहुत ज्यादा बारिश होती है, वहां भी बारिश की कमी देखी जा रही है। पूर्वोत्तर देश, जो मानसून के दौरान सबसे अधिक बरसात वाले क्षेत्रों में से एक है, वह भी बारिश की कमी से जूझ रहा है। वहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी हालात अच्छे नहीं हैं। पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की कमी देखी जा रही है, जिससे कृषि और जल आपूर्ति पर बुरा असर पड़ा है। उत्तरी भारत में भी सामान्य से कम बारिश के कारण तापमान में वृद्धि और सूखे जैसी स्थिति बन रही है।

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