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सरसों व आलू की फसल को शीतलहर से खतरा, ऐसे करें किसान बचाव

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Mustard and potato crops are at risk from cold wave, this is how farmers can protect themselves
 सरसों व आलू की फसल को शीतलहर से खतरा, ऐसे करें किसान बचाव
पिछले कई दिनों से ठंड का प्रकोप चल रहा है। राजस्थान के साथ लगते सिरसा जिले में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल रहा। इस बढ़ती शीतलहर से फसलों के नुकसान पहुंचाने का खतरा भी बढ़ गया है। इसके चलते सरसों, आलू, समेत कई फसलें प्रभावित हो सकती हैं।

 
विशेषज्ञों ने फसलों को बचाने का तरीका बताया
कृषि विशेषज्ञ डा. सुनील ने बताया कि बढ़ती ठंड में फसलों को बचाने का तरीका बताया। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड में बढ़ोतरी गेहूं की फसल में टिलरिंग यानी अंकुरण को बढ़ावा देती है, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन मौसम में आया अचानक बदलाव सब्जी, सरसों और गन्ने जैसी फसलों के लिए हानिकारक होता है। ऐसे में हरियाणा के किसानों को हल्की सिंचाई करनी चाहिए, जिससे ठंड के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।  हरियाणा के कृषि विभाग डा. सुखदेव सिंह ने बताया कि फसलों को शीतलहर से बचाने के हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है।  


फसलों को ऐसे बचाएं
खेत में हलकी सिंचाई के साथ किसान फसल को पाले से बचाने के लिए फसल को प्लास्टिक की चादर से कवर कर सकते हैं। ऐसा केवल रात के समय करना चाहिए।
दिन के समय इस चादर को हटा देना चाहिए, जिससे पौधे के प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेगी।
पाले से बचने के लिए जली लकड़ी से बनने वाली राख का फसल पर छिड़काव से खेत में गर्मी बनती है।
अगर भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पाला पड़ने की संभावना जताई है, तो उस दिन किसान खेतों के किनारे कूड़ा-करकट या घास-फूस जलाकर धुआं पैदा कर खेत के तापमान में कुछ बढ़ोतरी कर सकते हैं।