अविश्वास प्रस्ताव ने उजागर की कांग्रेस की फूट, खुद के विधायकों ने ही नहीं किए हस्ताक्षर: शर्मा
mahendra india news, new delhi
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामराजी शर्मा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस द्वारा गए अविश्वास प्रस्ताव ने कांग्रेस की ही कमजोरी उजागर कर दी है। कांग्रेस के 37 में से 32 विधायकों ने ही इस पर हस्ताक्षर किए हैं। यही नहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए।
इससे पता लगता है कि कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है अब जनाधार वापस लाना कांग्रेस के लिए नामुमकिन है। शर्मा ने कहा कि इस तरह का अविश्वास प्रस्ताव लाना कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी और सांगठनिक कमजोरी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है और अब सदन का समय बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव हताशा और निराशा का प्रतीक है।
कांग्रेस द्वारा पिछले पांच वर्षों में यह तीसरी बार है जब अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, इस बार भी साफ था कि संख्या बल पूरा नहीं होने के कारण यह प्रस्ताव सदन में पारित नहीं हो सकता, फिर भी सदन का समय खराब किया और खुद की नाक कटवाई। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक पहले ही साल में अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष मे नहीं थे। विधायकों ने यह तर्क दिया था कि काम रोको प्रस्ताव लाया जाना चाहिए था, न कि अविश्वास प्रस्ताव।
लेकिन हरियाणा कांग्रेस के स्वयंभू कांग्रेस के मालिक बने बैठे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जिद के आगे किसी की नहीं चली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के लिए कोई व्हिप तक जारी नहीं किया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं था। जबकि इसके विपरीत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा के सभी विधायक पूरे आत्मविश्वास, एकजुटता और अनुशासन के साथ सदन में डटे रहे। भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप चर्चा का सामना किया और सरकार की स्थिरता को मजबूती से प्रदर्शित किया।
