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हरियाणा में बसपा ही कर सकती है सत्ता परिवर्तन: डा. मेघराज सिंह

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Only BSP can bring about a change of power in Haryana: Dr. Meghraj Singh

mahendra india news, new delhi
कुम्हार धर्मशाला, हिसार में सम्पन्न हुई बहुजन समाज पार्टी की ज़ोन नंबर-3 की ऐतिहासिक बैठक केवल एक संगठनात्मक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हरियाणा की राजनीति में सत्ता परिवर्तन आंदोलन का शंखनाद साबित हुई। इस ऐतिहासिक आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि मा. डा. मेघराज सिंह (केंद्रीय राज्य प्रभारी, हरियाणा) पहुंचे।

 हरियाणा में बसपा ही कर सकती है सत्ता परिवर्तन: डा. मेघराज सिंह

डा. मेघराज सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि हरियाणा में अगर कोई पार्टी गरीब, किसान, मजदूर, दलित, पिछड़े और वंचित समाज को असली अधिकार दिला सकती है, तो वह केवल बहुजन समाज पार्टी है। इस ऐतिहासिक बैठक की अध्यक्षता डा. कृष्ण जमालपुर प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा व जगदीश चंद्र स्टेट ज़ोन कोऑर्डिनेटर ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में राम सिंह प्रजापति प्रदेश महासचिव, महेंद्र सिंह धनिया प्रदेश महासचिव, सूरत सिंह एसडीओ प्रदेश सचिव, जिले सिंह कश्यप प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में संगठनात्मक मजबूती को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इसी दौरान मा. डा. मेघराज सिंह ने पवन ठाकुर को प्रदेश सचिव की अह्म जिम्मेदारी सौंपते हुए पूरे हरियाणा में संगठन विस्तार का दायित्व दिया। साथ ही कृष्ण सैनीपुरा (हांसी) को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। जोन-3 के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के जिलाध्यक्ष, जिला व विधानसभा कमेटियां, विधानसभा अध्यक्ष एवं हज़ारों समर्पित कार्यकर्ताओं की ऐतिहासिक भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि बहुजन समाज पार्टी हरियाणा में जमीनी स्तर पर पूरी तरह संगठित, एकजुट और संघर्षशील है।
प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण जमालपुर ने कहा कि आज प्रदेश में युवाओं, बेरोजगारों और मजदूरों के हक अधिकारों को बीजेपी सरकार वाद विवादों के घेरे में डालकर समय बर्बादी पर तुली हुई है। युवा अपने लक्ष्य से पथभ्रष्ट हो रहा है। इस अवसर पर सिरसा से पहुंचे मा. रामधन चौटाला ने कहा कि आज बहुजन समाज पार्टी कन्याकुमारी से लेकर जम्मू-कश्मीर तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। केरल, पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ग्रामीण व जिला पंचायतों में सैकड़ों सीटें जीतकर बसपा ने यह साबित कर दिया है कि बहुजन समाज अब केवल वोट बैंक नहीं, बल्कि सत्ता का निर्णायक स्तंभ बन चुका है। अब बहुजन समाज सिर्फ  वोट नहीं, सत्ता की चाबी चाहता है। अब बहुजन समाज जाग चुका है, संगठित हो चुका है और अपने अधिकारों के लिए सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने का मन बना चुका है।