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पेंशन खैरात नहीं, कर्मचारियों का मौलिक अधिकार', पेंशनर दिवस पर गूंजी पुरानी पेंशन बहाली की मांग

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Pension is not a charity, it is a fundamental right of the employees; demand for restoration of old pension echoed on Pensioner's Day

mahendra india new delhi
 नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाई यूनियन कार्यालय सिरसा में आज सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी सेवा संघ द्वारा पेंशनर दिवस का आयोजन किया गया। इस सभा की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष कृपाल सिंह और संरक्षक ओ.पी. बिश्नोई ने संयुक्त रूप से की। कार्यक्रम में भारी संख्या में सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और अपनी जायज मांगों को लेकर हुंकार भरी। सभा को संबोधित करते हुए यशपाल भारद्वाज ने 17 दिसंबर के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1982 में आज ही के दिन माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी थी कि पेंशन कर्मचारी का मौलिक अधिकार है, न कि कोई खैरात। आज भारतीय रेलवे जिस ऊंचाई पर है, उसमें इन सेवानिवृत्त कर्मियों के जीवन के स्वर्णिम वर्षों का पसीना और मेहनत शामिल है।"संरक्षक ओ.पी. बिश्नोई ने केंद्र सरकार की नीतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से वंचित करना अन्यायपूर्ण है।

उन्होंने मांग की कि न्यू पेंशन स्कीम और यूपीएस को बंद कर सभी रेल कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाए। संघ के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने सरकार से मांग की कि कोरोना काल के दौरान रोकी गई महंगाई भत्ते की राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी सामाजिक सुरक्षा और भत्तों में वृद्धि के लिए निरंतर संघर्षरत रहेंगे। सचिव प्रेम कुमार ने सभी सेवानिवृत कर्मचारियों का कार्यालय में पहुंचने पर स्वागत किया तथा उन्होंने सरकार के द्वारा 2004 के बाद जो पेंशन बंद की है चाहे वह राज्य सरकार के ही कर्मचारी क्यों ना हो गहन चिंता व्यक्त की और इसके लिए हमेशा संघर्ष रत रहने की सभी को आह्वान किया।

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इस अवसर पर संगठन के प्रति उत्कृष्ट सेवाओं के लिए शेर सिंह (वरिष्ठ सेवानिवृत्त कर्मचारी), ओ.पी. बिश्नोई, इशाक मोहम्मद, ताज मोहम्मद, कृपाल सिंह और यशपाल भारद्वाज को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से कौशल सिंह, श्यामल भट्टाचार्य, सुदेश कुमार, मनोहर सिंह, कृष्ण कुमार, गुरुदत्त माल, जगदीश कुमार, हरि सिंह, हरबंस सिंह, रमेश चंद्र, रामकुमार, सुभाष चंद्र, अनिल कुमार, खेम सिंह, ताज मोहम्मद, इशाक मोहम्मद और प्रेम कुमार सहित दर्जनों सेवानिवृत्त रेलकर्मी मौजूद रहे।