Rabri Day: राबड़ी दिवस मनाकर सामूहिक सेवन कर राबड़ी के लाभ और कोल्ड ड्रिंक्स के बताए नुकसान

राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश के परिवारों ने राबड़ी का सामूहिक सेवन किया
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mahendra india news, sirsaअब राबड़ी का शौकीन बनाने का सफर शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा भूमि संरक्षण के सर्वोच्च सम्मान लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड से सम्मानित पर्यावरण कार्यकर्ता प्रोफ़ेसर श्यामसुंदर ज्याणी के आह्वान पर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश के परिवारों ने राबड़ी का सामूहिक सेवन किया। बाजरे से बनने वाली इस राबड़ी के लाभ और कोल्ड ड्रिंक्स से होने वाले नुकसान को लेकर यह बीड़ा बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी ने उठाया हुआ है। जिसको लेकर गांव, कस्बों और शहरों में लोगों ने सामूहिक रूप से राबड़ी पीकर "राबड़ी दिवस" सेलिब्रेट किया।

राबड़ी बनती है मोटे अनाज से 
श्याम सुंदर ने बताया कि मोटे अनाज की जीवन में भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बाजरा जैसा मोटा अनाज पौषक तत्वों से भी भरपूर है। राबड़ी जैसी गुणकारी व पीढय़िों से परखे भोजन को छिटककर हमने स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए घातक पेप्सी-कोका- कोला जैसे कोल्ड ड्रिंक के हवाले ख़ुद के शरीर को कर दिया है । 


राबड़ी से बीमारियों से मिलता है छुटकारा
बताया जा रहा है कि राबड़ी का नियमित सेवन करने से डायबिटिक टाइप टू, ब्लड प्रेशर, हर्ट अटैक सहित अनेक बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह मोटा अनाज है, जिससे रोग कम होते हैं। वहीं कोल्ड ड्रिंक्स से होने वाले नुकसानों के प्रति भी जागरुक किया जा रहा है।

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राजस्थान में अनेक जगह हुआ आयोजन 
बीकानेर में शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों ने राबड़ी का सेवन किया। हनुमानगढ़ के भादरा में पारिवारिक वानिकी एडवाइजऱी बोर्ड सदस्य पवन शर्मा ने इंदिरा रसोई में नि:शुल्क राबड़ी पिलाई। इसी के साथ सूरतगढ़ में वृक्ष मित्र समिति ने विशेष योग्यजनों को राबड़ी सेवन मनाया। सूरतगढ़, रायसिंहनगर, राजियासर, गजसिंहपुर, बाड़मेर, अलवर, सरदारशहर, सीकर, लूनकरणसर, हनुमानगढ़ आदि स्थानों पर बड़े पैमाने पर राबड़ी दिवस का आयोजन किया गया।

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