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इजराइल के मीठे पीले तरबूज तैयार कर रहा है रायपुर गांव का किसान रामचंद्र

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Raipur village farmer Ramchandra is preparing Israel's sweet yellow watermelon
mahendra india news, new delhi

नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव रायपुर के अंदर प्रगतिशील किसान इजराइल के पीले तरबूज तैयार कर बेच रहा है। किसान पिछले पांच साल से पीले तरबूत की खेती कर रहा है। इसके बाद खेत के पास से गुजरने वाली चौपटा नोहर रोड के पास स्टाल लगाकर तरबूज बेच रहा है। इसी के साथ साथ किसान लाखों रुपये कमा कर आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है। 

पीले रंग का तरबूज आकर्षण का केंद्र 
इससे जहां प्रगतिशील किसान ने अपनी पहचान बनाई है। किसान रामचंद्र बैनीवाल ने अपने खेत में पीले रंग का तरबूज लगाया हुआ है। यह तरबूज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खास बात ये भी है कि खेत से ही लोग तरबूज की खरीद कर रहे हैं। इसका स्वाद भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है। लोगों की सुविधा के लिए खेत के पास ही झोपड़ी बना रोड के समीप तरबूज बेच रहा। 

ऐसे की शुरूआत 
किसान रामचंद्र ने बताया कि बीए की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद वर्ष 2016 में खेत के अंदर एक एकड़ में सब्जी लगाकर बेचने का कार्य किया। इसके बाद सब्जी ज्यादा भूमि पर लगाने लगा। इसी बीच गांव ढूकड़ा निवासी मुरलीधर के लगाए गये तरबूज के बारे में पता चला। इस पर वर्ष 2020 में तरबूज लगाने का कार्य शुरू कर दिया। इसके बाद इजराइल के तरबूज किस्म के बारे में पता चला। अब यह किस्म लगाकर मुनाफा कमा रहा है।

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40 रुपये के हिसाब से बिक रहा है पीले रंग का तरबूज
आमतौर पर तरबूज के भाव अभी दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। जबकि इजराइल के तैयार किए गये विशेष किस्म के तरबूज रामचंद्र प्रति किलो 40 रुपये के हिसाब से बेच रहा है। किसान रामचंद्र का कहना है कि लाल रंग के तरबूज के मुकाबले पीले तरबूज का स्वाद ज्यादा बेहतर है और यह ज्यादा मीठा होता है। तरबूज का रंग ऊपर से तो हरा है लेकिन अंदर से पीला और लाल निकलता है। किसान रामचंद्र ने बताया कि पीले तरबूज के साथ-साथ हरिमिर्च, तोरी, ककड़ी, बैंगन, भिंडी, तर व खबूर्जा की खेती की हुई है।

जैविक तरीके से तैयार करता है तरबूज
किसान रामचंद्र ने बताया कि इजराइल के तरबूज जैविक तरीके से तैयार कर रहा है। यह 60 दिन में तैयार होने वाली पीले तरबूज की खेती में गाय के गोबर की खाद डालता है। वहीं स्प्रे नीम, कोड़ तुंबा, आसकंद और जड़ी-बूंटी को मिलाकर तैयार मिश्रण से करता है। 


नहीं मिला कोई सहयोग
किसान रामचंद्र ने सब्जी व तरबूज से अच्छी आमदनी हो रही है। इससे घर का गुजरा अच्छे तरीके से हो रहा है। वहीं लोगों को अच्छी क्वालिटी का तरबूज खाने को मिल रहा है। मगर सरकार से निराश होकर बताया कि सरकार की तरफ से उन्हे कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। संबधित विभाग के अधिकारी खेत में आते जरूर है लेकिन महज एक खाना पूर्ति कर चले जाते है।  किसानों के लिए योजना बहुत लागू करती है लेकिन उस योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता है।