सेवानिवृत्त्त रेल कर्मचारी एसोसिएशन ने सहायक मण्डल अभियन्ता को सौंपा ज्ञापन
mahendra india news, new delhi
सिरसा। सेवानिवृत्त्त रेल कर्मचारी एसोसिएशन उत्तर पश्चिम रेलवे, सिरसा शाखा ने मण्डल रेल प्रबन्धक बीकानेर के नाम चिकित्सा सम्बन्धी सुझाव व शिकायतों को लेकर एक ज्ञापन सहायक मण्डल अभियन्ता हरीश चन्द्र शर्मा को सौंपा, जिसकी अध्यक्षता सुरेश चन्द्र गौड़ शाखा अध्यक्ष ने की। पत्र की कॉपी मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीकानेर, महामन्त्री पेंशनर एसोसिएशन एनडब्ल्यूआर बीकानेर व मण्डल रेल प्रबन्ध उ. रे. फिरोजपुर को भी प्रेषित की गई है।
सहायक मंडल अभियंता को दिए ज्ञापन में शाखा अध्यक्ष ने बताया कि रेलवे हैल्थ यूनिट सिरसा में डा. जीडीएमओ नियुक्त किया गया है, किन्तु ऐसा लगता है सिरसा के लिये नहीं, उन्हें कभी बीकानेर, कभी हिसार, भिवानी लगाया रखा जाता है, जिससे रेल सेवानिवृत्त्त व कर्मचारी के आश्रित परिवारों को बहुत असुविधा होती है। कृप्या डॉक्टर को सिरसा में ही रखा जाये। रेलवे पैनल अस्पताल के डॉक्टरों द्वरा लिखी गई दवाई, जिसमें एक टेबलेट में चार साल्ट है तो उसकी टेबलेट-4 बनाकर अलग-अलग साल्ट की दी जाती है।
यदि डॉक्टर ने चार टेबलेट लिखी है तो मरीज को टेबलेट-16 अलग-अलग साल्ट बनाकर दी जाती है, जिससे मरीज की इतनी दवाईयां देख मानसिक हालत बिगड़ जाती है। इसलिए डॉक्टर द्वारा लिखी कम्पनी की दवाईयां ही दी जाए। उन्होंने बताया कि सिरसा हैल्थ यूनिट में यूपीएस, नेट खराब रहता है, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है एवं सीएमएस/बीकेएन द्वारा रैफर अप्रूव्ड के लिए काफी समय लगाया जाता है। बाहर से बीकेएन में एलपी की दवाई लेने वाले मरीजो को उसी दिन दवाई नहीं मिलती, दो या तीन दिन लगते हैं।
इस कारण बाहर से आया मरीज एलपी की दवाईयां नहीं ले सकता। इसलिए दवाईयां उसी दिन दिलवाएं अन्यथा हैल्थ यूनिट के नाम कोरियर करवाने का सिस्टम बनाया जाए। कांऊटर पर फार्मासिस्ट द्वारा स्वयं दवाईयां नहीं दी जाती है, जिससे गलत डोज लेने पर स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। सिरसा में हेल्थ यूनिट में डेंटल व स्किन का ईलाज शुरू करवाया जाये या किसी पैनल अस्पताल में ईलाज स्वीकृत करें या समय-समय पर हैल्थ यूनिट में रेलवे कैम्प लगवाए।
बीकानेर डिविजन के रेल सेवानिवृत्त्त कर्मचारियों कार्यरत कर्मचारियों व उनके आश्रितों को बठिंडा में डीएमओ/बीटीआई पैनल अस्पतालों में कोई उपचार नहीं देता, उन्हें बीकानेर, फिरोजपुर, जयपुर जाने या दिल्ली रैफर करते हैं, जबकि एनआर के कर्मचारियों, रिटायर्ड कर्मचारियों के आश्रितों परिवारों का बठिंडा में ही उपचार करवाया जाता है। इसलिए बीकेएम डिव्ीजन एनडब्ल्यूआर को भी पैनल अस्पताल बठिंडा में उपचार दिलवाया जाये। बीकानेर में प्राइवेट चिकित्सा विशेषज्ञ जो टेस्ट लिखते हंै, उन्हें रेलवे डॉक्टर अप्रूवल नहीं करते, जबकि उन्हें इसका अनुभव भी नहीं होता और दबाब डाल कर टेस्ट कम करवाते हंै, जिससे ईलाज पूरा नहीं हो पाता और लम्बे समय तक ईलाज चलता रहता है। उन्होंने बताया कि रेलवे डॉक्टर बीकानेर में जो टेस्ट लिखते हंै, वह पैनल के हर लैब में नहीं है,
एचआरएमएस में मैसेज आ जाता है टेस्ट करवाएं किसी भी लैब में, किन्तु मरीज को पूछने पर भी यही कहा जाता है कि आप पैनल वाली लैब पर कहीं भी चले जाएं, किन्तु लैब में जाओ टेस्ट नहीं होते, मरीज लैब में चक्कर लगाने को मजबूर रहता है। बीकानेर डॉक्टरर्स के चेम्बर के सामने मरीजों के बैठने के लिए कोई स्थान नहीं है और वरिष्ठ नागरिकरें को भी खड़े रह कर लाईन में धक्के खाने पड़ते हंै। आपसे अनुरोध है कि प्रतिक्षा कक्ष में चैयर लगवाएं व डिजीटेक मशीन डिजीटल डिस्प्ले लगवा देने से भी मरीजों को सुविधा होगी और चिकित्सक भी परेशान नहीं होंगे। इसके साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मोबाईल कॉल नहीं उठाया जाता, जिसके कारण मरीज की शिकायत का समय रहते निवारण नहीं हो पाता है। कर्मचारियों ने गुहार लगाई कि इन समस्याओं का तुरंत समाधान करवाया जाए।
इस मौके पर सचिव लक्ष्मीनारायण खर्रा, सुरेश बाबू, रमेश चंद्र, उदयराम, कशमीर सिंह, परसराम, चंदूलाल डाबला, महेश चंद्र, रजिंद्र सिंह, ओमप्रकाश, श्रीनिवास, साधुराम, सुरेंद्र सिंह, आनंद स्वरूप रेहिल्ला, राजकुमार, किशन, जसवंत, अशोक कुमार, अर्जुन, लीलूराम, सुभाष चंद्र, रमेश मिस्त्री, बहादुर सिंह उपस्थित थे।
