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हरियाणा के कर्मचारियों की समस्याओं बारे अवगत करवाएंगे रोडवेज कर्मचारी, करेंगे बड़े आंदोलन का ऐलान

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Roadways employees will make Haryana employees aware about their problems and will announce a big movement

mahendra india news, new delhi
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चे के पूर्व में घोषित कार्यक्रम अनुसार मंगगलवार को सिरसा डिपो में गेट मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधान रिछपाल सिंह संधू व मंच संचालन सचिव सुरेंद्र बैरागी ने किया। गेट मीटिंग में शामिल कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए सांझा मोर्चे के वरिष्ठ सदस्य राज्य कमेटी सांझा मोर्चा से राज्य प्रभारी राजवीर दुहन, राज्य प्रेस सचिव सुरेंद्र रानियां, कुलदीप पावड़ा राज्य उप प्रधान, चिमन स्वामी राज्य महासचिव, लादू राम लूणा राज्य कमेटी सदस्य, कुलविंद्र कोटली, राजकुमार शीला, कुलवंत, पृथ्वी चाहर राज्य प्रेस सचिव, रणजीत बाजवा ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रदेश सरकार छात्र-छात्राओं एवं आम व्यक्ति की पसंद सुरक्षित एवं सस्ती परिवहन सेवा का निजीकरण करके पूंजीपतियों के हवाले कर रही हैं।

योजना की ठेके की इलेक्ट्रिक बसों व ठेके की किलोमीटर स्कीम की बसों को रोडवेज विभाग में बिना मांग के लगातार शामिल किया जा रहा है। योजना की ठेके की बसों से रोडवेज विभाग को घाटा हो रहा हैं। दूसरी ओर मंत्री एवं विधायक अपने-अपने विधानसभा के हर गांव में सरकारी बसें चलवाने के आदेश रोडवेज अधिकारियों को दे रहे हैं। जबकी रोडवेज विभाग के पास सभी गांवों में सरकारी बस भेजने के लिए पर्याप्त बसें नहीं हैं। आज रोडवेज विभाग में चालक, परिचालकों की बहुत कमी है। बसों की मरमत करने के लिए कर्मचारी ना के बराबर रहे गए हैं।

चालक, परिचालकों की कमी एवं बसें मरम्मत समय पर न होने के कारण बसें खड़ी रहती हैं। रोडवेज विभाग में हजारों पद खाली पड़े हैं। आम जनता को परिवहन सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा हैं। प्रदेश की जनसंख्या के आधर पर सरकार नई सरकारी बसों को खरीदकर रोडवेज बेड़े में शामिल करे, जिससे हजारों बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा। आज रोडवेज विभाग में चालक, परिचालकों व कर्मशाला के कर्मचारियों की कमी होने के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर काम बोझ बहुत बढ़ गया है। कर्मचारियों का शारीरिक एं मानसिक उत्पीडऩ किया जा रहा है।

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आम जनता की विपरीत परिस्थितियों में दिन रात सेवा करने वाले रोडवेज कर्मचारियों की अनेक समस्याओं व मांगों को सरकार जायज मानकर यूनियन नेताओं से समझौता तो लगातार कर रही है, परन्तु उन जायज मांगों को लागू नहीं कर रही है, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समय रहते बातचीत के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को हल करे। अगर सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो प्रदेश भर के सभी डिपूओं के रोडवेज कर्मचारी 18 जनवरी 2026 को अम्बाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर न्याय मार्च निकालेंगे और बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
 

ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें:  
कर्मचारियों की मुख्य मांगों में धुन्ध, बारिश एवं कोरोना काल जैसे विपरीत समय में जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। ऑनलाइन तबादला नीति के स्थान विभाग एवं कर्मचारी हित की आपसी तबादला नीति को पुन: अपनाया जाए। चालकों-परिचालक, लिपिक, स्टोर कीपर, कैशियर के पद का पे ग्रे बढ़ाया जाए। देय अर्जित अवकाश कटौती पत्र को वापिस लेकर पूर्व की तरह देय अर्जित अवकाश दिए जाएं। 2002 के चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए एवं पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए। सभी प्रकार की पूर्ण प्रकिया करने वाले 2016 के चालकों को पक्का किया जाए।

अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके चालकों को प्रमोशन दी जाए। वंचित 2008 के परिचालकों को उपनिरीक्षक के पद पर प्रमोशन की जाए। कर्मशाला के 2018 के ग्रुप डी के कर्मचारियों को कॉमन कडर से बाहर करके तकनीकी पदों पर प्रमोशन दी जाए। जूत्ता भत्ता, शिक्षा भत्ता, वर्दी भत्ता महंगाई अनुसार बढ़ाया जाए। दादरी डिपो के 52 हेल्परों सहित सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों की पॉलिसी बनाकर पक्का किया जाए। कोरोना समय में खड़ी ठेके की बसों को पेमेन्ट करने के आदेश रद्द कर पूरे मामले की जांच की जाए। बकाया बोनस का भुगतान किया जाए। सभी डिपो के सभी मार्गों का पुन: सर्वे करवाया जाए। चालक-परिचालकों से आठ घण्टे की ड्यूटी ली जाए। आठ घण्टे की ड्यूटी से अधिक ड्यूटी का ओवर टाईम दिया जाए।