सिरसा के किसान सतबीर देहडू ने परंपरागत फसल की जगह बोई सौंफ, दूसरे किसान के लिए बना मिसाल

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Sirsa farmer Satbir Dehdoo sowed fennel instead of traditional crops, becoming an example for other farmers
mahendra india news, new delhi

हरियाणा में सिरसा जिले के गांव जोडकियां के किसान सतबीर देहडू ने परपरांगत फसलों को छोड़कर खेत में सौंफ उगाने की पहल की। यह पहल अब रंग ला रही है। सौंफ की खेती ने किसान सतबीर को समृद्धि की राह से अब दूसरे किसानों ने भी अपने खेतों में सौंफ की बिजाई कर रहे है। सौंफ फसल से एक से दो किलोमीटर दूर तक भी इसकी सौंधी सौंधी महक से पूरा वातावरण महकता रहता है। 

Sirsa farmer Satbir Dehdoo sowed fennel instead of traditional crops, becoming an example for other farmers

किसान सतबीर ङ्क्षसह ने बताया कि सौंफ की इस फसल की एक और खास बात यह है कि इसे न तो खाद-स्प्रे की जरूरत होती है और न ही आवारा पशु, नीलगाय इत्यादि इसके पौधों को खाते हैं, जिस कारण यह दोहरे फायदे वाला सौदा साबित हो रही है। 

किसान सतबीर देहडू ने बताया कि वह डेढ़ एकड़ में सौंफ की खेती करके लाखों रुपये कमाई कर रहे हैं। इस बार उसने सौंफ की फसल से 1 एकड़ में 13 से 20 क्वंटल की पैदावार ली। किसान ने बताया कि पहले तो सौंफ को बेचने के लिए खरीददार ढूंढ़ने पड़ते थे परंतु अब तो साथ लगते राजस्थान की नोहर तहसील में सौंफ आसानी से बिक जाती है। 
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सतबीर देहडू की इस पहल से गांव अन्य किसानों ने भी परंपरागत फसलों का मोह त्यागकर सौंफ की खेती करनी शुरू कर दी है। गांव के किसान हनुमान श्योराण व हरी सिंह जलंधरा ने डेढ़ डेढ़ एकड़, बलवंत हालु 1 एकड़, मोहन लाल छापौला व दीप सिंह सिहाग ने आधा आधा एकड़ में सौंफ की खेती करने शुरूआत कर दी है। इस किसानों को बीज भी किसान सतबीर देहडू ने ही उपलब्ध करवाएं है, जो उन्होंने स्वयं तैयार किए थे। सतबीर देहडू ने बताया कि शहर में सौंफ के बीज का भाव 2 हजार रुपये प्रति किलो है।  
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 इतने दिनों में पक कर तैयार हो जाती है फसल
किसान सतबीर ने बताया कि सौंफ की बुआई का समय 20 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच होता है। 1 एकड़ में करीबन 800 ग्राम बीज की आवश्यता होती है। इस फसल को पककर तैयार होने में लगभग 150-180 दिन का समय लगता है। उन्होंने बताया कि सौंफ की खेती के लिए मीेठे पानी की आवश्यकता होती है। ये फसल तीन सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है। एक एकड़ में लगभग 13से 20 क्विंटल तक फसल हो जाती है और इसका बाजार भाव 13 से 19 हजार रुपए प्रति क्विंटल आमतौर पर रहता है। इसकी कटाई अप्रैल के अंत में होती है।  


 किसान सतबीर देहडू का कहना है कि हर किसान परंपरागत फसलों के साथ साथ औषधीय पौधों की खेती करे तो वो अच्छा मुनाफा कमा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके खेत में उगे सौंफ के पौधे छह से सात फुट तक ऊंचाई के हैं। जब फसल पक जाती है तो सौंफ की सुगंध वातावरण में चारों ओर फैल जाती है। इस अनूठी फसल ने उसे निहाल कर दिया है और वो दूसरे किसानों को भी इसे बोने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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