SIRSA में नशीली दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: एडीसी वीरेंद्र सहरावत
Mahendra india news, new delhi
यदि कोई मेडिकल स्टोर संचालक अवैध रूप से नशीली दवाओं की बिक्री में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही जिले में कार्यरत सभी मेडिकल स्टोर संचालकों की पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाई जाएगी। ये निर्देश अतिरिक्त उपायुक्त वीरेंद्र सहरावत ने सोमवार को लघु सचिवालय SIRSA के सभागार में आयोजित नारकोटिक्स कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक में दिए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सिरसा दीपक सहारण, एसडीएम सिरसा राजेंद्र सिंह, एसडीएम कालांवाली मोहित कुमार, डीएसपी संजीव कुमार, उप सिविल सर्जन डा. पंकज शर्मा, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर केशव वशिष्टï, डा. शुभम बतरा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। बैठक में पुलिस अधीक्षक डबवाली निकिता खट्टर व एसडीएम डबवाली अर्पित संगल ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिले में कार्यरत ऐसे मेडिकल प्रैक्टिशनर पर कड़ी निगरानी रखी जाए जो नशा गतिविधियों में संलिप्त है, ऐसे लोगों की पहचान पुलिस व स्वास्थ्य विभाग दोनों ही करें और ऐसे लोगों के खिलाफ छापामारी भी की जाए। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि गांव स्तर पर निगरानी कमेटियां पुलिस की ओर से बनाई जा रही है। इन कमेटियों के साथ बेहतर तालमेल बनाया जाए।
यदि ये कमेटियां कोई सूचना देती है, तो उस पर तत्काल कार्रवाही की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम व वार्ड स्तर पर कमेटियों को सक्रिय किया जाए ताकि नशे में संलिप्त लोगों की जानकारी सटीक रूप मेें पहुंचे। बैठक में उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों की पुलिस वेरिफिकेशन के साथ ही सरपंच से भी जानकारी हासिल करने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतें व सामाजिक संगठन नशे को खत्म करने के लिए बेहतर प्रयास करेंगे तो इसके जल्द सकारात्मक परिणाम आएंगे।
स्कूलों को देनी होगी ड्रॉप आउट बच्चों की सूचना
बैठक में डिप्टी सीएमओ डा. पंकज शर्मा ने कहा कि जो बच्चे स्कूल बीच में छोड़ चुके हैं, ऐसे बच्चों पर भी निगरानी की जानी चाहिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रॉप आउट बच्चों की जानकारी स्कूल स्तर से हासिल कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपें। स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर संबंधित बच्चों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें ताकि यदि बच्चा नशे की प्रवृति से घिर गया हैं तो उनकी काउंसलिंग आदि करवाई जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कॉलेज स्तर पर भी ऐसे बच्चों की सूची स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई जाए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सिरसा दीपक सहारण ने कहा कि कोई बच्चा नशे की चपेट में आ गया है तो उसकी जानकारी अभिभावक के साथ ही अध्यापक को मिल जाती है। दिन भर में छह से आठ घंटे बच्चा अध्यापक के संपर्क में रहता है और उसे बच्चे के लक्षण से ही नशा करने की जानकारी हासिल हो जाती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही स्कूल के प्रिंसिपल व संचालकों के साथ बैठक की जाएगी और उन्हें नशा मुक्ति अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि पुलिस विभाग की ओर से नशे के खिलाफ युवाओं और विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए डाक्यूमेंटरी भी बनाई जाएगी, जिन्हें जिलेभर के स्कूलों में दिखाया जाएगा।
