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द वॉयस ऑफ सिरसा ने आईएमए हाउस में मोहम्मद रफ़ी के जन्मदिवस पर दी सुरमई श्रद्धांजलि

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The Voice of Sirsa paid a melodious tribute to Mohammad Rafi on his birthday at IMA House

mahendra india news, new delhi
 सुरों के सम्राट स्वर्गीय मोहम्मद रफ़ी के जन्मदिवस के अवसर पर, सिरसा के प्रतिष्ठित संगीतमय समूह 'द वॉयस ऑफ सिरसा' ने आईएमए हाउस में एक भव्य और यादगार कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर समूह के सदस्यों ने रफ़ी साहब के सदाबहार गीतों को गाकर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हारे का सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान एवं भाजपा नेता मनीष सिंगला उपस्थित रहे, जबकि प्रवीण बागला ने विशेष रूप से शिरकत की। यहाँ पहुँचने पर प्रधान डॉक्टर बबलू मनचंदा, डॉक्टर एसपी शर्मा व डॉक्टर जीके अग्रवाल ने मनीष सिंगला का स्वागत किया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि मनीष सिंगला ने न केवल रफ़ी साहब के संगीत में योगदान को याद किया, बल्कि उन्होंने स्वयं भी अपनी मधुर आवाज़ में एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उनकी प्रस्तुति को सभी ने खूब सराहा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 'द वॉयस ऑफ सिरसा' समूह के सदस्यों द्वारा मोहम्मद रफ़ी के गानों पर दी गई बेहतरीन प्रस्तुतियाँ रहीं। समूह के कई सदस्यों ने रफ़ी साहब के अनगिनत लोकप्रिय गीतों को अपनी आवाज़ में पिरोकर हॉल में मौजूद सभी श्रोताओं को पुराने दौर की सुनहरी यादों में ले गए। हर प्रस्तुति पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

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मनीष सिंगला ने समूह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मोहम्मद रफ़ी का संगीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है और 'द वॉयस ऑफ सिरसा' ने नई पीढ़ी को उनके अद्भुत संगीत से जोड़ने का प्रशंसनीय कार्य किया है। स्वर सम्राट मोहम्मद रफ़ी साहब केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि वह भारतीय संगीत की चलती-फिरती विरासत थे। उनकी आवाज़ में वो जादू था जो हर भाव को छू लेता था—चाहे वह दिल तोड़ने वाला दर्द हो, मस्ती भरा उल्लास हो, या फिर भक्ति की गहराई। उनके गाए हर गीत ने समय की सीमाओं को पार किया है और आज भी, दशकों बाद, उनकी आवाज़ नई पीढ़ी के कानों में उसी मिठास और ताजगी के साथ गूंजती है। रफ़ी साहब का संगीत एक ऐसा अनमोल उपहार है जिसे भारतीय सिनेमा ने संजो कर रखा है।

मनीष सिंगला ने कहा कि हमारी रूह की तीन खुराक है उसमे से एक संगीत है बाकी दो प्रेम और करुणा है। मनीष सिंगला ने अपनी प्रस्तुति माँ के भजन के साथ शुरू की। कार्यक्रम के अंत में, मुख्य अतिथि मनीष सिंगला ने सभी कलाकारों और कार्यक्रम में सहयोग देने वाले सदस्यों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर निजी सचिव हरपिंदर शर्मा, योगेश बिज़ारनिया सहित अनेक डॉक्टर्स व शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।