हरियाणा के हजारों होमगार्ड जवानों को दो महीनों से नहीं मिला मानदेय: चंद्रपाल तंवर
Thousands of Home Guard jawans in Haryana have not received their honorarium for two months: Chandrapal Tanwar
mahendra india news, new delhi
मुख्यमंत्री मुख्य सचिव व अतिरिक्त गृह सचिव हरियाणा से की मानदेय देने की मांग
सिरसा। ऑल इंडिया होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रपाल तंवर ने बताया कि हरियाणा होमगार्ड विभाग में 12000 से अधिक जवान हैं, लेकिन होम गार्ड के जवानों को पिछले दो माह से मासिक भत्ता/मानदेय नहीं मिला है, जिसके कारण होमगार्ड जवानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि काफी बार महीने की 20-25 तारीख तक हो जाती है, लेकिन जवानों का मासिक भत्ता समय पर नहीं आता। इस बार 2 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन हजारों होमगार्ड जवानों की सैलरी/मानदेय नहीं मिला है। तंवर ने कहा कि होमगार्ड विभाग के पक्के कर्मचारी और अधिकारी अपनी सैलरी समय पर डलवा देते हैं, लेकिन काफी जिलों में इन कर्मचारियों और अधिकारियों को होमगार्ड के जवानों की कोई चिंता नहीं होती। हजारों होमगार्ड जवानों के परिवार कैसे अपना घर का गुजारा चला रहे हंै।
उसका दर्द केवल जवान ही जानते हैंं। अगर कोई भी जवान आवाज उठाता है तो होमगार्ड विभाग के कुछ अधिकारी या तो उनकी ड्यूटी बदल देते हैं, या फिर उनका मानसिक आर्थिक शोषण करते हैं और इससे भी काम न चले तो जवानों को अनुशासनहीन कहकर ड्यूटी से ही हटा देते हैं।
तंवर ने कहा कि होमगार्ड जवानों का मासिक भत्ता समय पर नहीं डाले जाने के कारण जवानों को घर का खर्च चलाने के लिए, बच्चों की स्कूल की फीस भरने के लिए और अन्य खर्च चलाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ड्यूटी के बावजूद मानदेय नहीं मिलने से जवानों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है। इसके साथ-साथ न ही जवानों का 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया, ना ही जवानों को मेडिकल की सुविधा दी जा रही, ना ही होमगार्ड के जवानों को पुलिस के समान बस किराया में छूट दी जा रही है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रपाल तंवर ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मुख्य सचिव, अतिरिक्त गृह सचिव हरियाणा से पत्र लिखकर मांग की है कि होम गार्ड जवानों का मासिक भत्ता/मानदेय समय पर डलवाने का कष्ट करें। ्रहालांकि हरियाणा सरकार ने काफी बार होमगार्ड जवानों का मासिक भत्ता डलवाने के लिए हिदायतें जारी की हैं, लेकिन होमगार्ड के अधिकारी और कर्मचारी काफी जिलों में इस ओर ध्यान ही नहीं देते।
