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फूलकां गांव के महाराजा सूरजमल पार्क में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

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Tribute programme organised at Maharaja Surajmal Park in Phulakan village

mahendra india news, new delhi
 महाराजा सूरजमल ऐसे योद्धा हुए हैं जिन्होंने जीवन की हर लड़ाई जीती और मुगलों के अत्याचार के खिलाफ हमेशा डटकर खड़े रहे। अहमद शाह अब्दाली जैसे क्रूर शासकों को भी महाराजा सूरजमल ने मुंह तोड़ जवाब दिया था। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिसार विभाग के प्रचार प्रमुख प्रोफेसर डॉ. गौतम सुथार ने वीरवार को फूलकां गांव में महाराजा सूरजमल की शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।

 

 

इससे पहले डा. गौतम व श्रीगौशाला प्रधान रविंद्र कुलडिय़ा ने महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रो. गौतम ने कहा कि 25 दिसंबर का दिन महाराज सूरजमल की जीवन गाथा का प्रतीक है।

उनके शौर्य, धैर्य और प्रताप की कहानी आज भी इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। जब मराठों और मुगलों की राजनीति उत्तर भारत में शक्ति का खेल खेल रही थी, तब महाराजा सूरजमल सिर्फ सिंहासन नहीं, बल्कि जनता की अस्मिता और सम्मान के प्रहरी बनकर खड़े हुए। पानीपत के तीसरे युद्ध में जब मराठाओं की सेना टूटी, भूख-बीमारी से जूझती रही, तब भी महाराजा सूरजमल ने जाति-धर्म-द्वेष से ऊपर उठकर इन्सानियत का परिचय दिया। उन्होंने घायल सैनिकों के लिए भोजन-चिकित्सा की व्यवस्था की। किंतु 25 दिसम्बर 1763 को दिल्ली के निकट यमुना-हिंडन दोआब में यह शूरवीर योद्धा दुश्मन के धोखे का शिकार होने के कारण वीरगति को प्राप्त हुआ।

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-बुराइयों को खत्म करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी:
प्रो. गौतम सुथार ने इस दौरान युवाओं को जागरूक करते हुए ‘जागो हिंद के शेरो’ गीत सुनाया और सिक्ख धर्म के शहीदी दिवस को याद करते हुए उनकी शहादत को भी नमन् किया। उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्र के लिए शहादत देने वाले वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी सार्थक होगी जब हम वर्तमान दौर में समाज के अंदर फैली कुरीतियों को खत्म कर सकें। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों लोगों से आह्वान किया कि जहां हमें जात-पात से ऊपर उठकर एकजुट होना होगा, वहीं पर्यावरण बचाव के भी प्रयास करने होंगे। किसानों को पेस्टीसाइड आधारित खेती की बजाय ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए, लोगों को प्लास्टिक के प्रयोग से बचना होगा, ताकि पर्यावरण में फैल रही विषैली गैसों के प्रभाव को रोका जा सके। वहीं आज समाज मेें नशा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

अब तो लडक़े ही नहीं, लड़कियां भी नशे की दलदल में फंसती जा रही हैं। ऐसे दौर में अभिभावकों व समाजसेवी लोगों को आगे आना चाहिए और युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित करना चाहिए। इस दौरान प्रतिभाशाली युवाओं व युवा क्लब के सदस्यों को मुख्यातिथि द्वारा महाराजा सूरजमल की तस्वीर देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर फूलकां गांव के सरपंच कैलाश राठी, डा. सुरेश सेरडिय़ा, अनिल खिचड़, आत्मा राम कुलडिय़ा, काशी राम कसवां, जयचंद कूकणा, ओमप्रकाश ढाका सहित सैकड़ों की संख्या में युवा व ग्रामीण मौजूद रहे।