विश्व दलहन दिवस: सीडीएलयू में विश्व दलहन दिवस पर बताया दालें आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं

हरियाणा के सिरसा में स्थित चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (CDLU), सिरसा के वनस्पति विज्ञान विभाग तथा ऊर्जा एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने विश्व दलहन दिवस के अवसर पर मानव पोषण और पर्यावरणीय स्थिरता में दालों की भूमिका विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई के मार्गदर्शन में किया गया।
कार्यक्रम में सीडीएलयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डॉ. संजू बाला ढुल ने बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए कहा कि दालें आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दालों की खेती जल और भूमि की कम खपत करते हुए पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देती है। इसके अलावा, उन्होंने वैश्विक खाद्य सुरक्षा और सतत आहार की दिशा में दालों के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि हर वर्ष 10 फरवरी को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस का उद्देश्य दालों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष की थीम "दालें: कृषि खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना" थी, जो इस बात पर केंद्रित थी कि दालें न केवल संतुलित आहार प्रदान करती हैं, बल्कि कृषि प्रणाली को अधिक टिकाऊ बनाने में भी सहायक होती हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्योति के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सभी उपस्थितजनों का स्वागत किया। व्याख्यान का समापन वनस्पति विज्ञान एवं ऊर्जा एवं पर्यावरण विज्ञान विभागों के अध्यक्ष, प्रो. डॉ. एम.के. किदवई के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
व्याख्यान में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें संकाय सदस्य प्रो. अंजू, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. हरकृष्ण, शोधार्थी और छात्र शामिल थे। यूएसजीएस बीएससी एफएसटी के छात्र भी इस व्याख्यान में उपस्थित रहे।