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मूली की इन किस्मों से हो जाएंगे मालामाल, उन्नत मूली की किस्में अपनाएं, कम वक्तमें पाएं ज्यादा पैदावार

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उन्नत मूली की किस्में अपनाएं
mahendra india news, new delhi

अभी कुछ ही दिनों में मूली की पैदावार लेने का समय आ गया है। इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते है, समय पहले तैयार की गई मूली बाज़ार में बेहतर दाम देती हैं, वैसे देखे तो मूली की मांग सालभर बनी रहती है. इसका उपयोग सब्जी और सलाद दोनों रूपों में किया जाता है, इसलिए मूली की खेती किसानों के लिए मुनाफे का अच्छा माध्यम साबित हो सकती है.

अभी उपयुक्तसमय
खरीफ सीजन में मूली की बुवाई का सबसे उपयुक्तवक्त अगस्त और सितंबर का महीना होता है. इस दौरान किसान अगर उन्नत किस्मों की खेती करें, तो उन्हें अधिक पैदावार और अच्छा मुनाफा मिल सकता है

मूली
कृषि अधिकारी डा. देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि मूली की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. मूली एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग हमेशा बनी रहती है और यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इसकी खेती में रासायनिक और कीटनाशक दवाओं का अधिक इस्तेमाल नहीं करना पड़त।  उन्होंने बताया कि मूली की कई उन्नत किस्में हैं, जिनकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मूली
डा. जाखड़ ने बताया कि जापानी सफेद मूली की इस किस्म की जड़ें सफेद रंग की, 15 से 22 सेंटीमीटर लंबी, बेलनाकार, कम तीखी, मुलायम और चिकनी होती हैं, इस किस्म की बुवाई के 45 से 55 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 250 से 300 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.

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मूली
डा. देवेंद्र ने ये भी बताया कि पूसा रेशमी मूली की इस किस्म की जड़ें 30 से 35 सेंटीमीटर लंबी, समान रूप से चिकनी और हल्की तीखी होती हैं. यह किस्म बुवाई के लगभग 50 से 55 दिनों में तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 315 से 350 क्विंटल तक पैदावार ली जा सकती है। 

मूली
इसी के साथ ही रैपिड रेड व्हाइट टिप्ड मूली की इस किस्म का छिलका लाल रंग का होता है, इसके सिरे पर हल्की सफेदी दिखाई देती है।. इसकी जड़ें आकार में छोटी और गूदेदार सफेद होती हैं. स्वाद में यह हल्की चरपरी होती है. यह किस्म बुवाई के लगभग 25 से 30 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। 

पूसा हिमानी
उन्होंने बताया कि पूसा हिमानी मूली की ये किस्म लंबी और मोटी होती हैं. इसका स्वाद हल्का तीखा होता है, लेकिन ये किस्म खाने में स्वादिष्ट होती है. ये किस्म बुवाई के 50 से 55 दिन में तैयार होती है।

पंजाब पसंद 
डा. देवेंद्र ने ये भी बताया कि पंजाब पसंद मूली की जल्दी पकने वाली किस्म है. इसकी खासियत यह है कि इसे बेमौसम में भी बोया जा सकता है. इसकी जड़ें लंबी, सफेद और बिना रोएं (बालों) वाली होती हैं। यह किस्म बुवाई के लगभग 45 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. मुख्य मौसम में इसकी औसत पैदावार 215 से 235 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिलती है।