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कालांवाली में 14 वर्षीय सीरत जैन ने रचा इतिहास: अठाई व्रत तपस्या पर मेंहदी रस्म शनिवार को

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14-year-old Seerat Jain created history in Kalanwali: Mehndi ceremony on Saturday on Athai Vrat Tapasya

mahendra india news, new delhi
कालावाली नगर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मात्र 14 वर्ष की आयु में बालिका सीरत जैन पुत्री श्री सुनील जैन काका ने अठाई व्रत तपस्या कर पूरे समाज को गर्व से अभिभूत कर दिया है। महासाध्वी श्री सर्वज्ञ जी महाराज साहब एवं महासाध्वी नमिता जी महाराज के पावन सान्निध्य में यह तपस्या कालावाली जैसे ऐतिहासिक नगर में पहली बार इतनी छोटी उम्र में संपन्न हो रही है।


सभा के प्रधान श्री संदीप जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि कालावाली में वर्ष 1937 से चातुर्मास का आयोजन होता आ रहा है लेकिन पहली बार किसी बालिका ने इतनी कम उम्र में अठाई व्रत की कठिन तपस्या कर पूरे समाज को प्रेरणा दी है। सीरत जैन ने इस तपस्या के दौरान केवल प्रासूक जल (उबाल कर ठंडा किया गया पानी) का ही सेवन किया है। यह व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है और जैन धर्म में इसकी विशेष महिमा बताई गई है।
इस विशेष तपस्या के उपलक्ष्य में सीरत जैन की मेंहदी रस्म आगामी शनिवार 2अगस्त को आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान सीरत को मंगल गीतों और जैन धर्म के जयघोषों के साथ घर से समाजिक कार्यक्रम स्थल तक लाया जाएगा। वहाँ समाज की ओर से उनका भव्य अभिनंदन किया जाएगा। इस अवसर पर शहर एवं आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुजनों शिरकत करेंगे।


समाज के वरिष्ठ जनों एवं धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों ने सीरत जैन की तपस्या को न केवल दुर्लभ बल्कि अनुकरणीय बताया है। उनका कहना है कि यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत बन जाएगा। महासाध्वीजी के मार्गदर्शन में यह तपस्या धार्मिक आस्था, आत्मसंयम और जीवन की उच्च साधना का प्रतीक है।
बालिका सीरत जैन की इस तपस्वी भावना और साधना को समाज की ओर से अनुमोदना, मंगल गीत, पुष्पवर्षा और आशीर्वचनों के माध्यम से सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक रूप से विशेष महत्व रखता है, बल्कि समाज में जैन संस्कृति की जीवंतता और शक्ति को भी दर्शाता है।

 

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