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गोगामेड़ी मेले में हरियाणा राजस्थान सहित कई प्रदेशों से पहुंचे 3785 मरूस्थल जहाज, 80 हजार से अधिक रेट में बिका जहाज

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 गोगामेड़ी मेले में हरियाणा राजस्थान सहित कई प्रदेशों से पहुंचे 3785 मुरूस्थल जहाज, 80 हजार से अधिक रेट में बिका जहाज

हरियाणा की सीमा से सटे राजस्थान के गोगामेड़ी पशु मेला में प्रतिदिन रोनक बढ़ रही है। मेले में सबसे ज्यादा रौनक मुरुस्थल के जहाज कहे जाने वाले ऊंटों के मेले में देखने को मिल रही है। क्योंकि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले ऊंटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जो की पशु पालन विभाग के लिए शुभ संकेत है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के बड़े मेलों मे शुमार गोगामेड़ी पशु मेले में अन्य पशुओं की बजाय मुरूस्थल यानि ऊंट ही आते है। मेले में हरियाणा, राजस्थान, यूपी, जम्मू कश्मीर से ऊंट व्यापारी व किसान अपने ऊंटों को लेकर आते है। एक महीने तक चलने वाले मेले में इस बार अभी तक कुल 3795 ऊंट आए है।

इनमे से आब तक राजस्थान से 3077 तथा अन्य राज्यों हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि से 708 ऊंट आए है। इनमे से अब तक 975 ऊंटों की बिक्री हुई है।  जबकि पिछली बार साल 2023 में इसी अवधि मे 2644 ऊंट आए थे ।

जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग राजस्थान को 10349 रुपये की आमदनी हुई है। इसमे सबसे ज्यादा रेट का ऊंट 81000 रुपए में बिका है ओर सबसे कम कीमत का ऊंट मात्र 9000 रुपये में बिका है।

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 18 सितंबर 2024 तक चलेगा मेला

गोगामेडी में पशुपालन विभाग से मेला अधिकारी गोगामेड़ी शिविर के व्यवस्थापक डॉ हरिशचद्र गुप्ता ने बताया की इस बार वद्मर्ष 2023 के मुकाबले ऊंटों की आवक ज्यादा है। पिछली बार इसी अवधि मे 2644 ऊंट आए थे लेकिन इस बार अब तक 3785 ऊंट पहुंचे चुके है।

ओर यह मेला 18 सितंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने बताया की राजस्थान सहित अन्य राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बिक्री के लिए ऊंट यहां पहुंचे है। 

मेले में 11 ओर 12 सितंबर को होगी पशु प्रतियोगिता

फमेस गोगामेड़ी मेले में पशु पालन विभाग द्वारा हर वर्ष पशु प्रतियोगिता का आयोजन भी करवाया जाता है। पशु मेला अधिकारी डॉ हरिशश्चंद्र गुप्ता  ने बताया कि इस बार मेले में 11 ओर 12 सितंबर को पशु प्रतियोगिता होगी। जिसमे ऊंटों की दौड़, घुड़ दौड़, भैंस की दूध प्रतियोगिता सहित कई प्रतियोगिता करवाई जाएगी। जिसमें अव्वल रहने वाले पशु पालकों को सम्मानित किया जाएगा। 

 साल 1958 से लग रहा पशु मेला, ऊंटों की संख्या होती है ज्यादा

किसान व व्यापारी मनफूल, हरी सिंह, नरेश कुमार, जोरा सिंह, सुल्तान सिंह, ने बताया की वर्ष 1958 से लगने वाला यह मेला पशु मेले के नाम से ही जाना जाता है। लेकिन ऊंट ही अधिक आते है। गोगामेड़ी के पशु मेले में आस-पास के क्षेत्रों व देश के अन्य राज्यों से भी रेगिस्तान का जहाज कहलाने वाला ऊंट बिक्री के लिए यहां आते है। यहां पर अच्छी-अच्छी नस्ल के ऊंट-ऊंटनी देखने को मिलते है। करीब 20 वर्ष पहले इस मेले में ऊंटों के अलावा बछड़े (बैल), घोड़े भी बिक्री के लिए यहां आते थे।