सिरसा से चला किसानों का पैदल जत्था तीसरे दिन किसानी शहीद शुभकरण सिंह के पहले शहीदी समागम में पहुंचा गांव बल्लों: लखविंदर सिंह
A group of farmers started from Sirsa on foot and reached village Ballon on the third day for the first martyrdom ceremony of farmer martyr Shubhkaran Singh: Lakhwinder Singh

भारतीय किसान एकता बीकेई प्रदेशाध्यक्ष व किसान नेता लखविंदर सिंह औलख बताया कि 21 फरवरी 2024 को खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा शुभकरण के गोली मारकर शहीद किया गया था, जिसका शुक्रवार को पहला शहीदी समागम उसके गांव बल्लों (बठिंडा) में मनाया जा रहा है।
ग्रामीणों व इलाके के सहयोग से गांव बल्लों में शहीद शुभकरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। संदीप सिद्धू व सुनील नैन की अध्यक्षता में सिरसा हरियाणा से चलकर किसानों का पैदल जत्था शुक्रवार को तीसरे दिन किसानी शहीद शुभकरण सिंह के शहीदी समागम गांव बल्लों पहुंचा।
सिरसा हरियाणा से इस जत्थे में शामिल किसान 13, 14 व 21 फरवरी 2024 को खनौरी बॉर्डर पर मौजूद थे, जिस वक्त हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर अत्याचार किया जा रहा था, संदीप सिद्धू ने कहा कि सामने से चली हुई गोली हमारे में से किसी को भी लग सकती थी, जिस गोली से शुभकरण शहीद हुआ है। जब तक धरती पर किसान रहेगा शुभकरण की शहीदी को याद किया जाएगा। सुनील नैन ने कहा कि पैदल यात्रा के समय रास्ते में ग्रामीणों ने उनके लिए चाय-पानी, लंगर की सेवा की। विशेषकर बीकेयू एकता सिद्धपुर के मोड़ ब्लॉक की ईकाई थमनगढ़ ने बीती रात पैदल जत्थे में शामिल किसानों के रहने व खाने-पीने की बहुत बढ़िया व्यवस्था की।
पैदल जत्थे ने गांव बल्लों पहुंचकर सबसे पहले शहीद शुभकरण की नई लगी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी किसानों ने कहा कि एमएसपी खरीद गारंटी कानून सहित जिन मांगों को लेकर शुभकरण 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए घर से निकला था। भाजपा सरकार ने दिल्ली जाने से रोकने के लिए 21 तारीख को उसके सिर में गोली मारकर उसे शहीद किया। सिद्धू ने कहा कि शहीद शुभकरण सिंह को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम सब उन अधूरी मांगों को पूरा करवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन-02 का हिस्सा बनें। शंभू, खनौरी और रतनपुर बॉर्डर पर अपनी हाजिरी सुनिश्चित करें। सिरसा से चलकर गांव बल्लों तक पैदल जत्थे में संदीप सिंह सिद्धू, सुनील नैन, राजू सिंह, महेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, राजविंदर सिंह, सतनाम सिंह, सुखबीर सिंह, राजकरण सिंह, परमजोत सिंह, मनिंदर सिंह, परविदर सिंह, जगसीर सिंह, मक्खन सिंह, गगनदीप सिंह, रमन सिंह आदि किसान शामिल हैं।