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अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को : अक्षय तृतीया का हिंदु धर्म में है महत्वपूर्ण स्थान: डा. पुनीत गोयल

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Akshaya Tritiya on 30th April: Akshaya Tritiya has an important place in Hinduism: Dr. Puneet Goyal
mahendra india news, new delhi

वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि बुधवार यानि, 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाएगा। प्रसिद्ध वास्तुकार डा. पुनीत गोयल ने बताया कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान परशुराम जी का भी जन्म हुआ था। इसलिए इसे भगवान परशुराम जी के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। एक कथा के अनुसार भागीरथ के प्रयासों से माता गंगा जी का धरती पर अवतरण भी इसी दिन हुआ था।


 देवी अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी इसी दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उसमें वृद्धि होती है और नए कार्य को शुरू करने से उसमें अपार सफलता मिलती है। इसके अलावा इस दिन परिणाम सूत्र में बंधे दंपतियों का जीवन अत्यंत प्रेम भरा होता है। अक्षय तृतीया के दिन इस कथा को अवश्य सुनना चाहिए, कि एक धर्मदास नाम के व्यक्ति ने अक्षय तृतीया का व्रत किया। इसके बाद किसी ब्राह्मण को दान में पंखाए जों, नमक, गेहूं, गुड़, सोना और दही दिया। यह सब देखकर उनकी पत्नी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। उसने अपने पति को रोकने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानें। वो हर साल पूरी श्रद्धा और आस्था से अक्षय तृतीया का व्रत करते और दान पुण्य करते थे। यह कर्म उन्होंने बुढ़ापे या बीमारी में भी नहीं छोड़ा और इसी के पुण्य प्रताप से उन्होंने अगला जन्म राजा के रूप में जन्म लिया। डा. गोयल ने बताया कि उनके राज्य में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी और पूर्व जन्म की तरह ही इस जन्म में भी वह आजीवन अक्षय तृतीया का व्रत और दान पूर्ण करते रहे। अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व है। 


मान्यता के अनुसार इस दिन किए गए दान का कई गुना फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तिथि पर ऐसी कई खास घटनाएं हुई जो इस तिथि के महत्व को बढ़ा देती है। जैसे कि इसी दिन दुशासन ने द्रोपदी का चीर हरण किया और भगवान श्री कृष्ण ने उनको अक्षय चीर प्रदान किया। इसी दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई जिससे वह अपने राज्य के गरीब और भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध करवाते थे। कहते हैं इसी दिन सुदामा और श्री कृष्ण की भेंट हुई जिसमें श्री कृष्ण ने सुदामा को एक मु_ी चावल के बदले अक्षय निधि प्रदान की। इसी दिन बद्रीनाथ जी के कपाट खुलते हैं और इसके इलावा इसी दिन वृंदावन में श्री बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते हैं। इस दिन सोना या चांदी खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है इसके इलावा मिट्टी या पीतल के बर्तन या पीली सरसों की खरीद सकते हैं।

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