शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार समय की जरूरत: स्वामी राजेंद्रानंद महंत बिश्नोई

परम श्रद्धेय स्वामी राजेन्द्रानंद महंत बिश्नोई आश्रम हरिद्वार वीरवार को हरियाणा के सिरसा में आदर्श सीनियर सैकेंडरी स्कूल लखुआना में विद्यार्थियों व शिक्षकों को आशीर्वाद देने पहुंचे। स्वामी राजेंद्रानंद ने अपने आशीर्वचनों में विद्यार्थी के जीवन को राष्ट्र पुननिर्माण की अहम् भूमिका बताया। उन्होंने विद्यार्थी जीवन के पांच लक्षणों
कौए की तरह चेष्टा (सब ओर दृष्टि, त्वरित निरीक्षण क्षमता) बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह नींद (अल्प व्यवधान पर नींद छोड़कर उठ जाय), अल्पहारी (कम भोजन करने वाला), गृहत्यागी (अपने घर और माता-पिता का अधिक मोह न रखने वाला) व सुखार्थी वा त्यजेत विद्या विद्यार्थी वा त्यजेत सुख ा के बारे में विस्तार से बताया।
स्वामी राजेंद्रानंद ने कहा कि विद्यार्थियों की समाज में अह्म भूमिका है। विद्यार्थी जीवन ही एक ऐसा समय होता है, जब वह समाज के कार्यों में स्वतंत्र रूप से भाग ले सकता है। गुरुजन विद्यार्थी का मार्गदर्शन करते हैं। विद्यार्थी का अनुशासन में रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार वर्तमान समय की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि अगर संस्कार नहीं होंगे तो अच्छी शिक्षा का भी कोई महत्व नहीं है। स्कूल प्रबंधन की ओर से संचालक पवन शर्मा ने मार्गदर्शन के लिए स्वामी राजेंद्रानंद महंत बिश्नोई का धन्यवाद किया।