शादी में दुल्हन के पिता थाल में दस लाख रुपये टीका लाए, दूल्हे के दादा ने शगुन के तौर पर एक रुपया लिया

दड़बा कलां निवासी सुरेश कुमार पूनिया ने अपनी बेटी की शादी को लेकर टीका रस्म करने पहुंचे थे गांव ब्लम्भा (बहलबा)
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ब्लम्भा (बहलबा)

mahendra india news, new delhi

दूल्हे के दादा ने टीके में दस लाख रुपए लेने से साफ इनकार कर दिया। सिर्फ 1 रुपया ही शगुन के स्वीकार किए। इस दौर में यह शादी मिसाल बनकर सामने आई है। सिरसा के गांव दड़बा कलां निवासी सुरेश कुमार पूनिया ने अपनी बेटी कुमद की शादी रोहतक जिले के तहसील महम में गांव ब्लम्भा (बहलबा) निवासी सुनील कुमार राठी के बेटे अंकित के साथ रखी हुई है। शादी इसी 17 november को रखी हुई है। 


अर्थशास्त्र विषय के प्रवक्ता सुरेश कुमार पूनिया शादी से पहले टीका रस्म करने के लिए स्वजनों के साथ गांव ब्लम्भा (बहलबा) में दूल्हे के घर पर पहुंचे। इस दौरान दुल्हन के पिता सुरेश कुमार पूनिया ने दस लाख रुपए थाली में रख दिए। मगर दूल्हे के दादा रामफल जी राठी ने रुपए लौटा दिए और हाथ जोडक़र बोले-मैं यह राशि नहीं लूंगा। हमारे लिए तो ‘दुल्हन ही दहेज’ है। देना ही है तो एक रुपया शगुन के तौर पर दे दें। 

 

ब्लम्भा (बहलबा)
दुल्हन पक्ष के लोगों ने काफी समझाया भी, लेकिन वे अपनी बात पर अडिग रहे। बाद में उनके बेटे ने दस लाख रुपए की बजाय एक रुपए का सिक्का ही टीके के शगुन के तौर पर लिया। जिसने भी यह दृश्य देखा, गदगद हो गया।

 

आपने बेटी दे दी, अब हमें और क्या चाहिए  रामपाल राठी

दूल्हे के दादा रामफल राठी ने बताया, कि हर लडक़ी को उसके पिता पढ़ा-लिखाकर बड़ा करते हैं। शादी में उन्हें दहेज की चिंता भी सताती है। लेकिन एक पिता अपनी बेटी को दे देता है, इससे बढक़र और क्या चाहिए। हम तो दहेज के सख्त खिलाफ हैं। दूल्हन के पिता सुरेश कुमार पूनिया ने कहा कि समधीजी ने यह राशि लेकर बड़प्पन दिखाया है। यह सभी समाज के लिए संदेश है।
 

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