बड़ी खबर :आचार संहिता हटी. विधानसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता, जानिए आदेश को लेकर बड़ी खबर
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई थी। हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के बाद 8 अक्टूबर को मतगणना हो चुकी है। भाजपा की प्रदेश में सरकार बनी चुकी है। प्रदेश में जल्द ही सरकार का नया गठन होगा। इसी बीच बड़ी खबर ये है कि प्रदेश मे आचार संहिता खत्म हो चुकी है। इसके लिए वीरवार को चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिए गये हैं।
बता दें कि चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई थी। आचार संहिता यह बताती है कि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सत्ताधारी दलों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना चाहिए. इससे उन्हें यह पता चल जाता है कि पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है. जानें क्या होती है चुनाव आदर्श आचार संहिता और इसका क्या होता है असर.
क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता?
लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, आचार संहिता लगा जाती है। आपको बता दें कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने में चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाना चुनाव आयोग का दायित्व है. चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की सहमति से कुछ नियम बनाता है. इन नियमों को ही आदर्श चुनाव आचार संहिता कहते हैं. इन नियमों का पालन करना सरकार, राजनीतिक दल और चुनाव में खड़े उम्मीदवारों की जिम्मेदारी होती है. ये नियम राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए मार्गदर्शक का काम करती है.
कब तक लागू रहती है आचार संहिता?
आदर्श चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. ये तब तक लागू रहती है, जब तक कि पूरी चुनाव प्रक्रिया संपन्न नहीं हो जाती है। लोकसभा चुनाव या विधानसभा के दौरान आचार संहिता पूरे देश में लागू रहती है. वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान संबंधित राज्य में लागू होती है।
सरकार के लिए नियम:
आपको बता दें कि चुनाव आचार संहिता लग जाने के बाद सरकार को कई बंदिशों के साथ काम करना पड़ता है. पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव के काम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर प्रतिबंध लागू हो जाता है। यदि किसी अधिकारी की स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है, तो पहले आयोग की अनुमति ली जाएगी।