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जीवों व वृक्षों के रक्षार्थ बिश्नोई समाज का विशेष स्थान: पृथ्वी सिंह बैनीवाल

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Bishnoi society has a special place in protecting animals and trees: Prithvi Singh Bainiwal
mahendra india news, new delhi

सिरसा शहर के बिश्नोई मन्दिर, सिरसा में चल रहे साप्ताहिक जांभाणी संस्कार शिविर के दूसरे दिन हिसार से पधारे श्री पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने समय-समय पर वृक्षों व जीवों के रक्षार्थ शहीद हुए उन महा बलिदानियों की विस्तार से चर्चा की। गुरु जा भोजी के धर्म नियमों में से जीव दया पालणी, रूख लीलो नहीं घावे, की पालना करते हुए ये लोग शहीद हुए। सबसे बड़ी घटना खेजड़ली का शाका था, जहां सन 1730 में खेजड़ी वृक्षों की रक्षार्थ 363 नर-नारियों ने माँ अमृता देवी के नेतृत्व में अपनी जानें कुर्बान कर दी। 

लॉर्ड शिवा कॉलेज के प्रो. डा. गौतम ने बच्चों को नैतिक मूल्यों से अवगत करवाया। प्रचार सचिव डा. मनीराम सहारण ने बच्चों को आदर्श बिश्नोई विद्यार्थी दिनचर्या की पालना करने के लिये प्रेरित किया तथा गुरु जा भोजी के जीवन दर्शन व उनके स्वरूप पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सभा प्रधान खेम चन्द बैनीवाल, सचिव ओपी बिश्नोई, सह सचिव जगत‌पाल कड़वासरा, कोषाध्यक्ष राज कुमार बैनीवाल, सुनिता, सविता, उमेश के अतिरिक्त देश कमल बिश्नोई, सेवक दल से विनय सिंह काली राणा, बल्लुराम सुथार, आशीष मान्जू उपस्थित थे। बच्चों की चित्र कला प्रतियोगिता के साथ दूसरे दिन के शिविर का समापन हुआ।