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लगातार गिरते रुपये को संभालने में केंद्र सरकार रही है नाकाम, न्यूनतम स्तर पर चल रहा है रुपया कुमारी सैलजा

 रुपये के गिरने पर न प्रधानमंत्री की आवाज निकल रही, न ही किसी अन्य भाजपाई की

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 रुपये के गिरने पर न प्रधानमंत्री की आवाज निकल रही, न ही किसी अन्य भाजपाई की

mahendra india news, new delhi

haryana कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष Kumari Selja ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार अपने न्यूनतम स्तर पर चल रहा है। रुपये की इस गिरावट पर न तो प्रधानमंत्री की आवाज निकल रही है और न ही किसी अन्य भाजपाई के मुंह से कुछ निकल पा रहा है। इस रिकॉर्ड गिरावट का श्रेय भी आगे बढकर प्रधानमंत्री और सभी भाजपाइयों को लेना चाहिए।

Kumari Selja ने जारी मीडिया में मंगलवार को बयान में कहा कि यह देश के लिए कितने शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के लचर वित्तीय प्रबंधन व गलत आर्थिक नीतियों के कारण एक डॉलर अब 83 रूपए के बराबर हो चुका है। देश के इतिहास में यह गिरावट आज तक की सबसे बड़ी गिरावट है। लगातार गिर रहे रूपए को संभालने के लिए केंद्र सरकार के पास न तो कोई नीति है और न ही किसी तरह की नीयत है। 

Kumari Selja कहा कि यही कारण है कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से लगातार रुपया कमजोर हो रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर यह सब इसी तरह चलता रहा तो तो वह दिन दूर नहीं, जब रुपया और अधिक लुढकते हुए 84 का आंकड़ा भी पार कर लेगा। यह कितनी चौंकाने वाली बात है कि रूपए की गिरावट पर न केंद्रीय वित्त मंत्रालय कुछ बोल पा रहा है, और न ही देश के आर्थिक सलाहकार कुछ कह पा रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि रुपया लगातार गिरने से देश का व्यापार घाटा और अधिक बढ़ेगा, जिसका बोझ विनिर्माण कंपनियां सीधे ग्राहकों पर डाल देंगी। 


रुपये का मूल्य गिरने से मोबाइल के रेटों में बढ़ोतरी होगी, जबकि मोबाइल हर व्यक्तिकी जरूरत बन चुका है। विदेशों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को अब और अधिक राशि का भुगतान संबंधित कॉलेज, विश्वविद्यालय को करना पड़ेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस तरह से सपने दिखा कर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की सत्ता हासिल की थी, उन्हें पूरा करने के लिए कोई काम नहीं किया गया। उल्टा इस सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई को बेहद उच्च स्तर पर बढ़ा दिया और रूपए को इसके रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया। इन सभी का हिसाब देश की जनता चुनाव के दौरान जरूर मांगेगी।